अधूरे शौचालय व जल निकासी प्रबंधन न होने से गंदगी
जागरण संवाददाता कानपुर देहात सफाई के मामले में हमारा शहर तभी चमकेगा जब जनभागीदारी
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : सफाई के मामले में हमारा शहर तभी चमकेगा जब जनभागीदारी होगी और जिम्मेदार भी कुछ करने का सच्चे मन से प्रयास करेंगे। कई कस्बों व इससे जुड़े गांवों को ओडीएफ घोषित किया गया है, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती है। अधूरे निर्माण व तालाबंद सार्वजनिक शौचालय सफाई व्यवस्था को आईना दिखाते हैं। यही हाल जल निकासी व्यवस्था को लेकर है। सही से प्रबंधन व योजना न बनाए जाने से कई क्षेत्रों में जलभराव व गंदगी की समस्या रहती है। ऐसे में हमारा शहर इंदौर कैसे बनेगा यह बड़ा सवाल है।
कई जगह सार्वजनिक शौचालय बने हैं तो उनमें पानी की व्यवस्था नहीं है, या फिर वह अधूरे पड़े हैं। इसी तरह से ताला भी कई जगह लगा रहता है और देखरेख करने वाला कोई नहीं है। ऐसे में मजबूरी में कई बार लोगों को खुले में शौच जाना पड़ता है। अधिकांश घरों में शौचालय तो बना दिए गए हैं, लेकिन अभी भी कई क्षेत्र बाकी हैं। झींझक के अंतर्गत आने वाले जजमुइया की बात करें तो दो वर्ष पूर्व करीब ढाई लाख रुपयों की लागत से सामुदायिक शौचालय बनवा तो दिया गया लेकिन निर्माण ही गलत जगह पर कर दिया गया। इसे प्राथमिक विद्यालय परिसर में बनाया गया और हाल यह हुआ कि आधा अधूरा बनाकर ताला लगा इसे छोड़ दिया गया। प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक आदर्श ने बताया कि निर्माण के दौरान यहां पर निर्माण न होने देने के लिए विरोध किया था लेकिन उनकी चल नहीं सकी। अकबरपुर में भी कई घनी बस्तियों में शौचालय न होने से खुले में जाकर सफाई व्यवस्था की पोल खोल रहें हैं। आंकड़ों के खेल में भी कई जगह ओडीएफ घोषित हो गया व शौचालय बने नहीं। वहीं जगह जगह जल निकासी का उचित प्रबंध न होने से भी गंदगी होती है। नालियों की नियमित सफाई न होने, कब्जा हो जाने के साथ ही अन्य कारण भी सफाई पर दाग लगाते हैं। आबादी बढ़ती जा रही है, लेकिन जल निकासी प्रबंध किस तरह से होगी अधिकारी सोचते नहीं है। लोग भी ध्यान नहीं देते और कब्जा करने तक के जिम्मेदार होते हैं।
लोगों को भी होना होगा जागरूक
अकेले विभाग व अधिकारियों की जिम्मेदारी के भरोसे बैठने से हमारा जिला साफ सुथरा नहीं होगा। लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और उस पर अमल करना होगा। खुले में जाने की बजाए शौचालय का ही प्रयोग किया जाए, कहीं समस्या है तो अधिकारियों से मिले। इसी तरह से कूड़ा भी इधर उधर फेंकने से बाज आए। वहीं नालियों पर कब्जा कर चबूतरा व सीढ़ी बनाकर भी लोग जल निकासी व्यवस्था को अवरुद्ध करते हैं। ऐसे में जलभराव व गंदगी की समस्या होती है।