सोचा नहीं था कि पुलिस पकड़ पाएगी
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जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : मैंने सोचा नहीं था कि पुलिस मुझ तक पहुंच पाएगी, पुलिस की शुरूआती जांच से मैं आश्वस्त था कि पुलिस दूसरी तरफ जा रही है। यह बातें हत्यारोपित सुबोध सचान ने कही। उसने किस तरह से वारदात को अंजाम दिया यह भी बताया।
सुबोध ने बताया कि उसे लगता था कि बृजेश के घर वालों की आर्थिक स्थिति ठीक होगी। पिता टैंकर चलाते है, भाई मेडिकल स्टोर व वह खुद ही इतने समय से धर्मकांटे पर काम करता है। उसने उसे मैसेज किया कि आओ चलो पार्टी करते है। 15 जुलाई देर रात करीब दो बजे उसे स्विफ्ट कार में बैठाया इसके बाद नशीली कोल्ड ड्रिक पिला दी। रस्सी से उसका गला घोंटने लगा तो उसने विरोध किया और दांत भी काटा लेकिन कोल्ड ड्रिक का असर होने से ज्यादा विरोध नहीं कर सका। इसके बाद कार से अपने गांव कान्हापुर पहुंचा जो कि चौरा से करीब छह से सात किलोमीटर है। यहां सड़क पर पहुंचने से पहले ही कार की लाइट बंद कर दी। इसके बाद शव को अकेले ही लेकर पहुंचा और कुएं में डाल दिया। गांव का होने की वजह से पता था कि कुएं में पानी नहीं है और कोई यहां आता भी नहीं। इसके बाद अगले दिन 16 जुलाई को रात करीब 9.40 पर बृजेश के ही मोबाइल से फोन कर 20 लाख की फिरौती मांगी सोचा था कि टूटते टूटते 10 से 15 लाख में आ जाएंगे लेकिन मामला उजागर होने पर उसने फिर दोबारा फिरौती मांगी ही नहीं।
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चार साल की थी दोस्ती
सुबोध ट्रक चलाता है और उसने ट्रक भी खरीद लिया था। धर्मकांटे पर आने के दौरान उसका व्यवहार बृजेश से हो गया। बृजेश व्यवहारी था इसलिए घुलमिल जाता था लेकिन उसे क्या पता था कि यहीं दोस्ती उसके लिए एक दिन काल बनेगी। घटना खुलने के बाद किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि दोस्त ने ही ऐसा काम कर दिया।