जिले में डेंगू ने दी दस्तक
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: जनपद में बारिश के बाद बुखार का प्रकोप उग्र रूप लेने लगा ह
By Edited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 06:59 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 07:00 PM (IST)
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: जनपद में बारिश के बाद बुखार का प्रकोप उग्र रूप लेने लगा है। गांवों में बड़ी संख्या में लोग बीमारी की चपेट में हैं। अस्पतालों में मरीजों की प्रतिदिन भीड़ जुट रही है। दो माह में बुखार से 11 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इधर जीएसवीएम मेडिकल कालेज में हुए परीक्षण में (शिव पुरम पुरवा) सेहू रामपुर के एक किशोर को डेंगू की पुष्टि होने के बाद मलेरिया विभाग सतर्क हो गया है। जिले में बारिश के बाद गंदगी व जलभराव से मलेरिया, वायरल बुखार,डायरिया का प्रकोप बढ़ रहा है। मैथा ब्लाक के औंगी, नोनारी बहादुरपुर, बड़ा गांव औनहां, मरहमता बाद ,बाघपुर व सरैंया लालपुर तथा झींझक ब्लाक के रानेपुर रसूलाबाद गांव में बीमारी का प्रकोप हो चुका है। जबकि जगजीवनपुर,डभारी, आशापुरवा, नोनारी, मुक्तापुर टड़वारा , अस्तिया रानेपुर, मुडेरा, रूरा आदि स्थानों के 11 लोगों की दो माह के अंदर मौत हो चुकी हैं। वहीं नये-नये गांवों को बीमारी अपनी चपेट में ले रही है। मलेरिया पीड़ितों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। जिला अस्पताल में एक हजार से अधिक मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। इससे पर्चा बनवाने, डाक्टर को दिखाने व दवा लेने को मरीजों को लाइन लगानी पड़ रही हैं। दो माह में 84 मरीज मलेरिया (प्लाजमोडियम वाईवेक्स) से पीड़ित पाए गए। पिछले माह जीएसवीएम मेडिकल कालेज कानपुर में परीक्षण के बाद रसूलाबाद के शिव पुरमपुरवा (सेहू रामपुर) गांव के बुखार पीड़ित अनुज (15) पुत्र सुरेश को डेंगू की पुष्टि के बाद मलेरिया विभाग को भी सतर्क कर दिया गया है। इंसेट) मच्च्छर जनित बीमारी से बचाव के उपाय - कूलरों का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें। - घर में कीट नाशक दवा छिड़कें, पानी न जमा होने दें। -बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं जिससे हाथ पैर ढके रहें। -सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। मच्छर भगाने वाली दवा का प्रयोग करें। - नालियों में जला तेल या केरोसिन डालें। बोले जिम्मेदार जिले में वैक्टर जनित बीमारी पर नियंत्रण के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। ब्लाक स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों को डीडीटी डिमांड के अनुरूप उपलब्ध कराई जा चुकी है। स्टाक में 750 किग्रा. डीडीटी उपलब्ध है। 150 पैकेट डीडीटी की डिमांड की गई है। इसके अलावा 300 लीटर टेमीफास, 150 किग्रा बीटीआई भी जिले में उपलब्ध है। मानव संसाधन की कमी के बाद भी उपलब्ध व्यवस्था से ही बीमारी नियंत्रण का प्रयास किया जा रहा है। - मारूति दीक्षित, जिला मलेरिया अधिकारी- कानपुर देहात। ...... जिले में बीमारी नियंत्रण के लिए जिला स्तर पर एक व ब्लाक स्तर पर दस रैपिड रिस्पांस टीमें गठित हैं। प्रभावित गांवों में टीमें भेजकर मरीजों का इलाज कराया जा रहा है। रसूलाबाद के शिव पुरमपुरवा(सेहू रामपुर) में डीडीटी का छिड़काव व मरीज के परिवार के सभी सदस्यों के अलावा पड़ोसियों की रक्त पट्टिकाएं भी बनवाई गईं हैं। मलेरिया पीड़ित सभी 84 मरीजों का उपचार कराया जा चुका है। जलभराव वाले 93 गांवों व मलेरिया विभाग द्वारा चिन्हित 150 संवेदनशील गांवों में नजर रखी जा रही है। -डा.एपी वर्मा, डिप्टी सीएमओ व संक्रामक रोग प्रभारी।
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