डेंगू ने पसारे पांव, पांच और नए रोगी मिले
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: जुलाई व अगस्त में जहां मलेरिया पीड़ितों की संख्या मात्र 85 थी
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: जुलाई व अगस्त में जहां मलेरिया पीड़ितों की संख्या मात्र 85 थी, वहीं जिले के सरकारी अस्पतालों में बुखार पीड़ितों के हुए रक्त परीक्षण में सितंबर माह में 245 मलेरिया रोगी चिन्हित हुए। वहीं डेंगू ने भी पांव पसारना शुरू कर दिया है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज में हुए परीक्षण में पांच और नए डेंगू पीड़ितों की पुष्टि होने के बाद अब मलेरिया विभाग भी सतर्क हो गया है।
जिले में बारिश के बाद गंदगी व जलभराव से मलेरिया, वायरल बुखार का प्रकोप बढ़ रहा है। ढाई माह में जिले के अकबरपुर, मुक्तापुर टड़वारा, लालपुरशिवराजपुर, जगजीवनपुर, आशापुरवा, नोनारी, अस्तिया, रानेपुर, मुडेरा, मित्रसेनपुर, खेम निवादा,शिवली व पुलंदर आदि स्थानों पर बुखार की चपेट में आकर मौतें हो चुकी हैं। जिले के सरकारी अस्पतालों में जहां जुलाई में 40, अगस्त में 37 मलेरिया पीड़ित मिले थे। इधर जीएसवीएम मेडिकल कालेज कानपुर में परीक्षण के बाद जिले में पांच नए डेंगू पीडि़तों की पुष्टि हुई। इनमें रोशनमऊ रूरा की सोनकली (45) पत्नी रवीकांत, पुखरायां के अनुराग गौतम(22) पुत्र पवन गौतम, असेवा मलासा की संगीता (30) पत्नी संदीप, नौरंगा लालपुर की जज्ञन8वी (4) पुत्री बलवीर, गिरदौ मलासा के महेंद्र (28) पुत्र राम प्रकाश शामिल हैं। बुखार पीड़ित मरीजों के रक्त परीक्षण में प्लेटलेट्स गिरने की बात सामने आने से लोगों में डेंगू की दहशत बढ़ने लगी है।
- इंसेट) मच्छर जनित बीमारी से बचाव के उपाय
- कूलरों का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें।
- घर में कीट नाशक दवा छिड़कें, पानी न जमा होने दें।
-बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं जिससे हाथ पैर ढके रहें।
-सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। मच्छर भगाने वाली दवा का प्रयोग करें।
- नालियों में जला तेल या केरोसिन डालें।
- इंसेट) बोले जिम्मेदार
डेंगू में तेज बुखार, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द, आंख में दर्द, शरीर पर दाने दिखने लगते हैं। प्लेटलेट्स गिरने का मतलब यह नहीं है कि मरीज डेंगू से पीड़ित है। मलेरिया व कभी कभी वायरल में भी इस तरह के हालात बनते हैं। जीएसवीएम मेडिकल कालेज से आई रिपोर्ट के बाद डेंगू पीड़ित मरीजों के गांवों में डीडीटी का छिड़काव कराने के साथ उनके परिवार के सभी सदस्यों के अलावा पड़ोसियों की रक्त पट्टिकाएं भी बनवाई गईं हैं। मलेरिया पीड़ित सभी 330 मरीजों का उपचार कराया जा चुका है। जलभराव वाले 93 गांवों व मलेरिया विभाग द्वारा चिन्हित 150 संवेदनशील गांवों में पैनी नजर रखी जा रही है। -डा.एपी वर्मा, डिप्टी सीएमओ व संक्रामक रोग प्रभारी।