बाढ़ के पानी से ठंडा मिड-डे मील का चूल्हा
संवाद सहयोगी भोगनीपुर: बारिश और बाढ़ की चपेट में आकर सिर्फ शिक्षा ही नहीं डूब रही बल्कि
संवाद सहयोगी भोगनीपुर: बारिश और बाढ़ की चपेट में आकर सिर्फ शिक्षा ही नहीं डूब रही बल्कि बच्चों को मिलने वाला भोजन भी उसकी भेंट चढ़ रहा है। क्षेत्र के तमाम स्कूल ऐसे हैं जहां बाढ़ के पानी से मिड-डे मील का चूल्हा ठंडा पड़ा है। एक-दो दिन नहीं बल्कि पिछले दो माह से यही हालात हैं। स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या भी कम हुई है जो बच्चे आ रहे हैं वह पेड़ के नीचे पढ़ाई करने को विवश हैं।
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय मीरपुर में पिछले दो माह से जलभराव है। इस कारण स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं मिल पा रहा है। उच्च प्राथमिक विद्यालय मीरपुर की प्रधानाध्यापक शकुंतला देवी व प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापक प्रीती देवी ने बताया कि भोजन बनाने के लिए सुरक्षित स्थान न होने के कारण दो माह से विद्यालय के बच्चों को दोपहर का भोजन नहीं मिल पा रहा है। वहीं अधिकारी जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त करने की बात कह रहे हैं।
बच्चों की संख्या घटी
एक तरफ स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के साथ बच्चों की संख्या बढ़ाने पर लगातार शासन स्तर से जोर दिया जा रहा है, लेकिन मीरपुर के उच्च प्राथमिक व प्राथमिक स्कूल की हालत लगातार खराब होती जा रही है। यहां जलभराव के कारण बच्चों की संख्या दो माह के अंदर आधी बची है। अभिभावक बच्चों को भेज ही नहीं रहे हैं।
लगातार बना रहता खतरा
स्कूल भेजने को लेकर अभिभावक इसलिए भी सकते में रहते हैं कि वहां बैठने के लिए सुरक्षित जगह है नहीं। इन हालातों में बच्चे यदि जाएंगे भी तो बैठेंगे कहां। पूरा दिन बिना भोजन के भूखा ही रहना पड़ेगा।
परिषदीय स्कूल मीरपुर में जलभराव की जानकारी है, पानी निकालने को लेकर निर्देश दिए गए थे, पानी एक बार हट जाए तो फिर वहां मिट्टी डलवा कर ऊंचा करवाया जाएगा। इससे आगे इस तरह की समस्या न हो।
-संगीता ¨सह, बीएसए कानपुर देहात।