बच्चे नदारद, सूने पड़े आंगनबाड़ी केंद्र
संवाद सहयोगी भोगनीपुर सरकार ने आंगनबाड़ी कर्मियों का मानदेय बढ़ाने की घोषणा भले ही
संवाद सहयोगी, भोगनीपुर : सरकार ने आंगनबाड़ी कर्मियों का मानदेय बढ़ाने की घोषणा भले ही कर दी हो, लेकिन कर्मियों की लापरवाही के चलते केंद्रों से बच्चे नदारद रहने से आंगनबाड़ी केंद्र सूने पड़े हैं।
मलासा ब्लाक के सैदलीपुर गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर शुक्रवार को कार्यकर्ता संगीता देवी व सहायिका सीता देवी मौजूद थीं। लेकिन पंजीकृत 45 बच्चों में सिर्फ एक बच्चा ही उपस्थित था। सहायिका सीता देवी ने बताया कि गांव में भागवत कथा होने से बच्चे नहीं आ रहे हैं। इसी ब्लाक के बरवा-रसूलपुर गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर कर्मचारी रश्मि देवी व सहायिका तारा देवी मौजूद थी, लेकिन केंद्र पर एक भी बच्चा मौजूद नहीं था। कर्मचारी ने बताया कि कुल पंजीकृत 45 बच्चों में 15 बच्चे आए थे, लेकिन कुछ देर बाद चले गए। कैलई गांव के प्राथमिक विद्यालय के एक अतिरिक्त कक्ष में आंगनबाड़ी केंद्र प्रथम की कर्मचारी हेमलता सचान व सहायिका गीता देवी तथा आंगनबाड़ी केंद्र द्वितीय की सहायिका पुष्पा देवी मौजूद मिली। प्रथम केंद्र की कार्यकर्ता हेमलता ने बताया कि उनके केंद्र पर 52 व द्वितीय केंद्र में 56 बच्चे पंजीकृत हैं। दोनों जगह मात्र 8 बच्चे ही आए थे। द्वितीय केंद्र की कार्यकर्ता कल्पना देवी परिवार में वैवाहिक कार्यक्रम के चलते नहीं आई। मीनापुर गांव स्थित केंद्र पर मौजूद सहायिका मीरा देवी ने बताया कि कार्यकर्ता मंजू देवी की तबियत खराब होने से वह घर चली गई है। केंद्र पर पंजीकृत कुल बच्चों की संख्या की जानकारी नहीं है। शुक्रवार को 10 बच्चे आए थे और वह भी चले गए। इससे केंद्र बंद कर दिया गया। मलासा के सीडीपीओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि कार्यालय में चार मुख्य सेविकाओं के पद सृजित होने के बावजूद एक की तैनाती है। स्टाफ की कमी होने के कारण नियमित रूप से केंद्रों का निरीक्षण नहीं हो पा रहा है। लापरवाह कर्मियों से स्पष्टीकरण तलब कर कार्रवाई की जाएगी।