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तेरहवीं से पहले बदला, सेना के शौर्य को सलाम

अजय दीक्षित कानपुर देहात पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान श्यामबाबू की मंगलवार को ते

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Feb 2019 12:37 AM (IST)Updated: Wed, 27 Feb 2019 12:37 AM (IST)
तेरहवीं से पहले बदला, सेना के शौर्य को सलाम
तेरहवीं से पहले बदला, सेना के शौर्य को सलाम

अजय दीक्षित, कानपुर देहात

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पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान श्यामबाबू की मंगलवार को तेरहवीं थीं। कानपुर देहात की तहसील डेरापुर के ग्राम रैगवां स्थित उनके घर पर तैयारी चल रही थी। इसी बीच भारतीय वायुसेना के पाकिस्तान में घुसकर आतंकी कैंप पर हमले की खबर आई तो पिता ने सेना और सरकार के शौर्य-दृढ़ संकल्प को सलाम कर पाकिस्तान को तबाह करने की गुहार लगाई। शहीद की पत्नी बोलीं अभी कलेजे को ठंडक नहीं मिली, एक-एक के बदले तीन-तीन सौ मारें।

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(नोट:::::अगल बगल लगाएं पत्नी और पिता की बातचीत)

अभी ठंडक नहीं मिली, आंखें निकाल लो दुश्मनों की

पत्नी रूबी उनकी तस्वीर सीने से चिपकाए अपने कमरे में गुमसुम बैठी थीं। इसी बीच गांव में भारत के पाकिस्तान पर हमले का शोर उठा और पड़ोसी सुरेश से बदला लिए जाने की जानकारी मिली तो पति की शहादत से बीते 12 दिन का पूरा घटनाक्रम उनकी आंखों के सामने तैर गया। वह आंगन में आ गईं। मुंह से निकला क्या..और बस पति की फोटो देख आंखों से आंसू बह निकले। कुछ देर रुकने के बाद बोलीं, अभी कलेजे को ठंडक नहीं मिली। देश के लालों पर निगाह डालने वालों की आंखें निकाल लो। एक-एक शहीद के बदले तीन-तीन सौ आतंकियों के सिर उड़ा दो।

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शरीर का हिस्सा बन चुकी तस्वीर

श्यामबाबू की शहादत के बाद बीते 12 दिनों से रूबी उनकी फोटो को खुद से चिपकाए रहती हैं।

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पिता बोले, पाकिस्तान को बर्बाद कर दो

पिता रामप्रसाद के दिल को सुकून था कि बेटे की तेरहवीं से पहले ही देश ने अपने लाल की शहादत का बदला ले लिया। पराक्रमी सेना और भारत सरकार के दृढ़ संकल्प को सलाम। पाकिस्तान को बर्बाद कर उसकी औकात बता दो ताकि फिर कोई हमारे देश के जवानों की तरफ देखने की हिमाकत न कर सके।

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गांव में फिर गूंजा पाकिस्तान मुर्दाबाद

अपने लाल की शहादत के बाद गम में डूबे रैगवां की गलियों में मंगलवार सुबह अचानक चहलकदमी बढ़ गई। पाकिस्तान पर हवाई हमले की खबर मिलते ही हर ग्रामीण के कदम शहीद श्यामबाबू के घर की ओर थे। वहां एकत्र सभी लोगों के चेहरों पर आक्रोश मिश्रित खुशी थी, लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए।

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शहीद का प्रोफाइल

शहीद 35 वर्षीय श्यामबाबू सीआरपीएफ की 115वीं बटालियन में थे, वह श्रीनगर के गांदरबल में तैनात थे। रामप्रसाद के दो पुत्रों में सबसे बड़े थे।


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