किसानों के साथ राहगीरों के लिए मुसीबत बने अन्ना मवेशी
किसानों के साथ राहगीरों के लिए मुसीबत बने अन्ना मवेशी
संवाद सहयोगी, झींझक: अन्ना मवेशियों के लिए बनाए गए आश्रय स्थल भी किसानों की समस्याओं को कम नहीं कर पा रहे हैं। खेतों में फसल उजाड़ने के साथ अब यह मवेशी सड़क पर वाहनों चालकों के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं।
सिकदरा रसूलाबाद रोड पर मंगलपुर झींझक के बीच दिन भर घूमते अन्ना पशु राहगीरों के लिए बड़ी मुसीबत बने हुए हैं, परंतु अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। सरकार व अधिकारियों की लाख कोशिश के बाद भी अन्ना मेविशियों पर लगाम नहीं लग पा रही है जबकि संदलपुर ब्लॉक के असबी व जसापुर तथा झींझक ब्लाक के औरंगाबाद झड़ा तथा जलिहापुर गांव में पशु आश्रय केंद्र बने हैं। इनमें क्षमता के हिसाब से मवेशी हैं। एक गोशाला झींझक नगर पालिका में कंचौसी रोड पर भी है। इसमें भी क्षमता के हिसाब से मवेशी रखे गए हैं। इसके बावजूद मंगलपुर झींझक के बीच दिन भर सड़क पर घूमते अन्ना मवेशी राहगीरों के लिए आफत बने हुए हैं। आए दिन लोग अन्ना मवेशी से टकरा कर सड़क पर गिर कर घायल होते हैं। परंतु किसी अधिकारी के पास इसका कोई विकल्प नहीं दिखाई दे रहा है। सबसे बड़ी समस्या तो रात के समय होती है जब अन्ना मवेशी सड़क पर बैठ जाते हैं और जरा सी चूक होने पर दोपहिया वाहन चालक चोटिल होते हैं। मंगलपुर के अनिल भदौरिया, सुरासी के संतोष पाल, झींझक के मानिकचन्द्र, सर्वेश कुमार का कहना है कि सड़क पर घूमते अन्ना पशु दोपहिया वाहनों के लिए काल से कम नहीं हैं। सहायक विकास अधिकारी पंचायत झींझक दिनेश पांडेय ने बताया कि अन्ना मवेशियों को पशु आश्रय केंद्र भिजवाया जाता है। जो भी अन्ना मवेशी हैं उन्हें पशु आश्रय केंद्र व झींझक नगर की गोशाला में भिजवाया जाएगा।