ट्रेन पकड़ने से पहले यात्रियों की 'अग्निपरीक्षा'
संवाद सहयोगी झींझक : दिल्ली हावड़ा रूट पर जनपद के प्रमुख कस्बे झींझक के रेलवे स्टेशन पर
संवाद सहयोगी झींझक : दिल्ली हावड़ा रूट पर जनपद के प्रमुख कस्बे झींझक के रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को आज भी समस्याओं से रोज दो चार होना पड़ रहा है। स्टेशन की सालाना आय साढ़े तीन करोड़ रुपये से अधिक होने के बाद भी यहां के यात्रियों को छाया, स्वच्छ पेयजल, साफ शौचालय आदि की सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं। गर्मी के दिनों में तेज धूप व लू के थपेड़े झेलकर यात्री ट्रेनों का इंतजार करते हैं।
झींझक रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन 1300 से अधिक लोग विभिन्न स्टेशनों के लिए आवागमन करते हैं। स्टेशन की सालाना औसत आय भी साढ़े तीन करोड़ से अधिक है। इसके बाद भी यात्रियों को आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं। स्टेशन पर बैठने के लिए पर्याप्त छाया नहीं है। यहां लगे पेड़ व इसके चारों ओर बनाए गए चबूतरे ही सहारा हैं। बेंच की कमी होने से यात्री कपड़े बिछाकर जमीन पर बैठने को मजबूर होते हैं। यात्रियों के लिए सबसे जरूरी स्वच्छ पेयजल की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। प्लेटफार्म पर 12 हैंडपंप लगे हैं जिसमें चार खराब है और दो से पीने योग्य पानी नहीं आता है। डीआरएम के निरीक्षण से पहले ठीक कराए गए 6 हैंडपंप ही पानी दे रहे हैं। प्लेटफार्म 3-4 पर अब एक वाटर कूलर लगाया गया है। शौचालय में गंदगी के चलते कोई उधर झांकना भी पसंद नहीं करता, जिससे महिला यात्रियों को दिक्कत होती है। स्टेशन अधीक्षक वेद प्रकाश ने बताया कि समस्यायों को लेकर डीआरएम के निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों ने ज्ञापन दिया था। हैंडपंपों की मरम्मत व सफाई लगातार करवाई जा रही है। 60 लाख से 5 करोड़ तक आय देने वाले स्टेशनों को डी ग्रेड मे रखा जाता है। इन पर पेयजल, प्रकाश, छाया, शौचालय आदि की व्यवस्था होती है। जो यहां कराई गई है। फुट ओवरब्रिज की मरम्मत निर्माण विभाग की और से कराया जा रहा है।
मुकेशमणि, वाणिज्य निरीक्षक इटावा कैसा हो हमारा स्टेशन
यह स्टेशन राष्ट्रपति के गृह कस्बे का स्टेशन है। इसलिए इसे बी ग्रेड मे किया जाना चाहिए। यहां वातानुकूलित प्रतीक्षालय व आटोमेटिक एनाउंसमेंट की व्यवस्था की जाए।
-श्याम मोहन दुबे, प्रदेश अध्यक्ष युवा उद्योग व्यापार मंडल स्टेशन के नीचे खाली पड़ी जमीन में पार्क बनाकर वहां पर पौध रोपित कर यात्रियों के बैठने की व्यवस्था की जाए, जिससे लोगों को ट्रेन का इंतजार करने मे सुविधा हो।
-विमल शुक्ला, समाजसेवी स्टेशन के नीचे गाड़ियों को सुरक्षित खड़ा करने के लिए पार्किंग होनी चाहिए, जिससे लोग प्लेटफार्म पर जाते समय अपने वाहन वहां सुरक्षित खड़े कर सकें।
-आनंद वर्मा, समाजसेवी स्टेशन पर खानपान के लिए रेलवे की अधिकृत दुकान हो। महिलाओं के लिए अलग प्रतीक्षालय बने। सुरक्षा के लिए जीआरपी मे महिला कांस्टेबल व दरोगा होना चाहिए।
-छोटे पोरवाल, व्यापारी स्टेशन की प्रमुख समस्याएं
झींझक स्टेशन पर शौचालयों में इतनी गंदगी रहती है कि महिलाओं व बच्चो को बड़ी समस्या होती है। मजबूरन शौच के लिए लोगों को स्टेशन से बाहर या पटरी की तरफ जाना पड़ता है, जिससे हादसे का खतरा रहता है।
नीरज राजावत, दैनिक यात्री रेलवे स्टेशन पर बना फुट ओवरब्रिज लंबे समय से जर्जर है। किसी भी दिन हादसा होने की आशंका है। स्टेशन पर लगे दर्जन भर हैंडपंपों में 4 खराब हैं, डाउन लाइन पर मात्र एक वाटर कूलर लगा है, जो नाकाफी है। अप प्लेटफार्म पर एक भी स्टैंड पोस्ट नहीं है।
खगेंद्र गुप्ता, सभासद पति स्टेशन पर यात्री प्रतीक्षालय के नाम पर अप व डाउन के प्लेटफार्मो पर मात्र एक एक टिनशेड बना है, जो यात्रियों के लिए पर्याप्त नहीं है। मजबूरन लोगों को तपती धूप या पेड़ों की छाया मे बैठकर ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है।
लाभचंद वर्मा, दैनिक यात्री रेलवे स्टेशन से खानपुर रोड जाने को कोई रास्ता नहीं है। लोगो को जान जोखिम मे डाल कर रेलवे लाइन पार कर जाना पड़ता है। स्टेशन पर अप मे रुकने वाली संगम एक्सप्रेस व रीवा एक्सप्रेस का ठहराव डाउन में न होने से समस्या होती है।
संजय परिहार, दैनिक यात्री