गेहूं की बुवाई से पहले खेत जोतकर छोड़ दें किसान
संवाद सहयोगी झींझक कस्बे के उपसंभागीय कृषि प्रसार कार्यालय में आत्मा योजना के तहत आयोजि
संवाद सहयोगी, झींझक : कस्बे के उपसंभागीय कृषि प्रसार कार्यालय में आत्मा योजना के तहत आयोजित रबी गोष्ठी में सीएसए कानपुर से आए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को उन्नत खेती की जानकारी दी।
गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर एमएस अग्रवाल ने किसानों को जानकारी देते हुए कहा कि गेहूं की बुवाई के पूर्व ही खेत की जुताई कर कुछ दिनों के लिए छोड़ देना चाहिए। खरपतवार नष्ट हो जाता है, जिसके बाद गेंहू की फसल की बुआई करने पर खेत में खरपतवार नहीं उगता और फसल कि बुवाई के समय डीएपी का संतुलित प्रयोग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लाही चना की बुवाई के लिए भी खेत की जुताई कर खरपतवार नष्ट होने के बाद ही बुवाई करें। गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर यूएन पांडेय ने कहा कि पारंपरिक खेती के साथ ही किसान बागवानी कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं। खेतों की मेड़ पर फलों के पौधे लगाने से कटान रुकेगी व उनसे निकलने वाले फल की बिक्री कर किसान अपनी आय भी बढ़ा सकेंगे। उन्होंने किसानों को सब्जी की खेती करने की भी सलाह दी साथ ही फसलों को कीड़ों से बचाने के लिए फसल में कीटनाशक प्रयोग करने को भी कहा। इस दौरान राजकीय बीज भंडार प्रभारी डॉक्टर उदय सिंह पाल, प्रावधिक सहायक अमित कुमार, अखिलेश चंद्र, मनोज कुमार, वीरेंद्र सक्सेना, कुलदीप सिंह मौजूद रहे।