सुलगता केमिकलयुक्त कूड़ा सांसों में घोल रहा जहर
फैक्ट्रियों से निकला कचरा हाईवे किनारे किया जा रहा डंप राहगीरों के साथ आबादी को भी यह सुलगता कचरा दे रहा बीमारी
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : हवा में जहर घोलने के लिए केवल अन्नदाता ही दोषी नहीं हैं। इसमें आम पब्लिक से लेकर बड़े-बड़े फैक्ट्री संचालक तक शामिल हैं। इनके यहां से निकला कूड़ा कहीं निस्तारण कराने के बजाय सड़क किनारे डंप कर दिया जा रहा है। इसमें आग लगा देने से जहरीला धुआं लोगों की सांसों के जरिये शरीर को नुकसान पहुंचा रहा है।
इस तस्वीर को देखिए, यह कहीं आबादी के अंदर या गांव की नहीं है। यह है कानपुर-इटावा हाईवे में रनियां कस्बे के पास की। यहां सड़क के किनारे लंबाई में फैक्ट्रियों से निकाला गया केमिकलयुक्त कचरा डाल दिया गया है। इसे कहीं निस्तारित कराने के बजाय इसमें आग लगा कर यूं ही छोड़ दिया गया है। अब हालात यह हैं कि कई दिनों से यह ऐसे ही सुलग रहा है, जिससे हवा में जहरीला धुआं फैलता जा रहा है। यह धुआं आबादी क्षेत्र के साथ हाईवे से गुजरने वाले वाहन चालकों के लिए भी बेहद खतरनाक बन गया है। सांसों के जरिये लोगों के शरीर के अंदर पहुंच कर जानलेवा साबित हो रहा है।
हाईवे पर छाई धुंध
करीब दो सौ मीटर के दायरे में कूड़ा डंप पड़ा है। इसके लगातार सुलगते रहने से वातावरण में इतनी धुंध छाई हुई है कि हाईवे मार्ग तक सही से दिखाई नहीं पड़ रहा है। इस वजह से कई बार लोग दुर्घटना के शिकार तक हो जाते हैं। केमिकल कचरा के साथ जगह-जगह कूड़े के ढेर भी लगे हैं।
नाक पर कपड़ा रखकर निकलें
रनियां औद्योगिक क्षेत्र में संचालित कई फैक्ट्रियों से केमिकलयुक्त कचरे को सड़कों के किनारे फेंक दिया जाता है, जिससे दुर्गंध निकलने की वजह से आसपास का वातावरण दूषित हो रहा है। सफाई कर्मी/नगर निगम कर्मी कूड़ा फेंकने के बजाय उस ढेर में आग लगा देते हैं। लोगों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है।
कराई जाए सफाई
जगइयापुर निवासी राजेश कटियार, राम नरेश, शिवबाबू कहते हैं कि सरकार एक तरफ स्वच्छता पर जोर दे रही है और इस योजना में करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। वहीं दूसरी ओर साफ सफाई करने वाली एजेंसियां ही गंदगी फैला रही हैं। यदि अधिकारी जरा भी सख्ती करें और हकीकत देखें तो हालात जरूर बदलेंगे।