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भूखे रहने के अलावा रोजे का मकसद लोगों की मदद करना

संवाद सूत्र मूसानगर रमजान का महीना बहुत फजीलत वाला है। पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब ने फर

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 05:11 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 05:11 PM (IST)
भूखे रहने के अलावा रोजे का मकसद लोगों की मदद करना
भूखे रहने के अलावा रोजे का मकसद लोगों की मदद करना

संवाद सूत्र, मूसानगर : रमजान का महीना बहुत फजीलत वाला है। पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब ने फरमाया कि यह महीना सब्र का है और सब्र का बदला जन्नत है। रोजे रखने में या तरावीह पढ़ने में जो परेशानी आए उसे खुशी खुशी सब्र के साथ बर्दाश्त करें। यह बातें मूसानगर सितारा मस्जिद के नायब इमाम हाफि•ा मोहम्मद हसीब मदनी ने कहा। उन्होंने लोगों से कोरोना से बचने के लिए हाथों को साफ करने व मास्क पहनने के अलावा अन्य निर्देशों का पालन करने की अपील की।

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उन्होंने कहा कि इस महीने में मोमिन का रिज्क बढ़ा दिया जाता है। इस समय चार चीजों का ख्याल रखें, कलमा तैयबा, अस्तग्फार, जन्नत की तलब करें और जहन्नम से पनाह मांगे। इस महीने में एक रात है जिसे लैलतुल कद्र कहते हैं जो मुसलमान इस रात में इबादत करें उसे हजार महीने से ज्यादा इबादत करने का सवाब मिलता है। रमजान में ही कुरान पाक नाजिल हुआ। इस महीने में नमाज और तरावीह के साथ कुरान पाक की तिलावत करें हर मुसलमान बालिग और अकलमंद होने पर रमजान के रोजे रखना फर्ज है। जन्नत के एक दरवाजे का नाम रयान है, जिससे सिर्फ रोजेदार दाखिल होंगे। रोजेदार के लिए जंगल के जानवर और समंदर की मछलियां तक दुआ करती हैं। आर्थिक मजबूत मुसलमानों पर जकात अदा करना फर्ज, यतीमों, जरूरतमंदों की मदद करें और ईद की नमाज से पहले सदका फितर अदा करें। इफ्तार में गरीबों का ख्याल रखें। रोजे का मकसद सिर्फ भूखा रहना नहीं है बल्कि हम बुरे कामों से तौबा करें। हमारे कामों से किसी को कोई तकलीफ न हो, पड़ोसी का हक अदा करें। इस महीने के आखिरी अशरे में मस्जिद में 10 दिनों का एतकाफ किया जाता है। हमारे नबी हर साल रमजान में एतकाफ किया करते थे हम ऐसा कोई काम न करें, जिससे हमारा अल्लाह हमसे नारा•ा हो। अच्छे काम करें और अच्छे काम करने का हुक्म दें और बुरे कामों से रुक जाएं। इस व़क्त हमारे मुल्क मे कोरोना महामारी ने फिर से दस्तक दे दी है, इसलिए हम कोरोना गाइडलाइन का पालन करें और दुआ करें कि ये बीमारी पूरी दुनिया से खत्म हो जाए।


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