बुखार से एक और महिला की गई जान
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: जनपद में जलभराव व गंदगी से उल्टी दस्त व बुखार का प्रकोप जानले
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: जनपद में जलभराव व गंदगी से उल्टी दस्त व बुखार का प्रकोप जानलेवा बना हुआ है। बीमारी नए नए गांवों को अपनी चपेट में ले रही है। वहीं बीमारी की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। रविवार को रसूलाबाद ब्लाक के भीतरगांव के मजरा खेमनिवादा में बुखार पीड़ित एक और महिला की मौत हो गई।
जिले में बारिश के बाद जगह-जगह फैले कूड़े कचरे के ढ़ेर व जलभराव से मलेरिया, वायरल डायरिया आदि संक्रामक बीमारियों का प्रकोप उग्र रूप ले रहा है। जलभराव वाले 93 गांवों के अलावा मलेरिया विभाग द्वारा चिन्हित 150 संवेदनशील गांवों में बीमारी ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। दो माह में जिले के सरकारी अस्पतालों में जहां मलेरिया (प्लाजमोडियम वाईवेक्स) से पीड़ित 84 मरीज पाए गए। वहीं निजी अस्पतालों व पैथालाजी में इनकी संख्या दो गुनी से अधिक पाई गई। पिछले माह जीएसवीएम मेडिकल कालेज कानपुर में परीक्षण के बाद रसूलाबाद के शिव पुरमपुरवा (सेहू रामपुर) गांव के बुखार पीड़ित अनुज (15) पुत्र सुरेश को डेंगू की पुष्टि के बाद भी जिम्मेदार अनजान बने हें। इससे मौतों का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। रविवार को बुखार से पीड़ित रसूलाबाद ब्लाक के भीतरगांव के मजरा खेम निवादा गांव के देवी ¨सह की पत्नी शिव प्यारी (55) की हालत बिगड़ गई। परिजन गंभीर हालत में उसको इलाज के लिए सीएचसी रसूलाबाद ला रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। इसके सहित जिले में दो माह में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है।
-इनसेट) मच्छर जनित बीमारी से बचाव के उपाय
- कूलरों का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें।
- घर में कीट नाशक दवा छिड़कें, पानी न जमा होने दें।
-बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं जिससे हाथ पैर ढके रहें।
-सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। मच्छर भगाने वाली दवा का प्रयोग करें।
-नालियों में जला तेल या केरोसिन डालें।
- घरों के आसपास गंदगी जमा न होने दें ।
- झोलाछाप के इलाज से बचें, सरकारी अस्पताल या योग्य डाक्टर से ही इलाज कराएं
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जलभराव व गंदगी से बीमारियों के प्रकोप की संभावना पर स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को अलर्ट कर दिया गया है। स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध करा दी गई है। ब्लाक स्तर पर गठित रैपिड रिस्पांस टीमों को प्रभावित गांवों में भेजकर उपचार कराया जा रहा हैं।गंदगी के बावत डीपीआरओ को अवगत कराया जा चुका है।बीमारी से बताई जा रही मौतों का सत्यापन कराया जा रहा है। -डॉ. एपी वर्मा, जिला संक्रामक रोग प्रभारी, कानपुर देहात