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खाद्यान्न न आने से 'आंगन' सूने, खाली 'थाली'

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : प्राथमिक विद्यालय की रसोई में ही आंगनबाड़ी केंद्र के बच्

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 07:22 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 07:22 PM (IST)
खाद्यान्न न आने से 'आंगन' सूने, खाली 'थाली'
खाद्यान्न न आने से 'आंगन' सूने, खाली 'थाली'

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात :

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प्राथमिक विद्यालय की रसोई में ही आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को गरमागरम पोषक आहार वितरण की नई योजना खाद्यान्न आवंटन में फंस गई है। योजना 15 अगस्त से शुरू होनी थी, लेकिन एफसीआइ (भारतीय खाद्य निगम) से बच्चों के लिए खाद्यान्न उपलब्ध नहीं हो सका है। परिणाम यह हुआ कि खाने के इंतजार में आंगन सूने और बच्चों की थाली खाली हैं। खाद्यान्न न होने से बच्चे भी केंद्रों में नहीं पहुंच रहे हैं।

आंगनबाड़ी केंद्रों पर शून्य से छह वर्ष तक के बच्चे पंजीकृत होते हैं। तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को प्राथमिक विद्यालय में पकाए जा रहे मिडडे-मील के मेन्यू के अनुसार ही पोषक आहार परोसने की व्यवस्था 15 अगस्त से शुरू होनी थी। आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिए प्राथमिक विद्यालय की रसोई में भोजन पकाया जाना है। विद्यालय की रसोइया ही ये खाना बनाएगी। इसके लिए उसे प्रति लाभार्थी बच्चा एक रुपया पारिश्रमिक मिलेगा। आंगनबाड़ी सहायक सहयोगी रहेगी जिसे प्रति लाभार्थी बच्चा पचास पैसे पारिश्रमिक मिलना है। एक रसोई में दो आंगनबाड़ी केंद्र से अधिक का भोजन पकाए जाने की सूरत में सहायक व रसोइया को 75-75 पैसे का बंटवारा पारिश्रमिक के तौर पर होना तय हुआ है। गैस सिलेंडर व्यय बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग वहन करेगा, लेकिन व्यवस्था बेसिक शिक्षा विभाग को जुटानी है। प्रधान व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के संयुक्त खाते में मिला बजट मिलने पर कोटेदार को खाद्यान्न उपलब्ध कराना है। अलबत्ता एक माह पूरा होने को है, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों में यह व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है। विभागीय अफसर योजना में खाद्यान्न आवंटन न होने का तर्क दे रहे हैं।

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भारतीय खाद्य निगम से खाद्यान्न का आवंटन होना बाकी है। प्रक्रिया शुरू की गई है। जल्द खाद्यान्न आवंटन की उम्मीद है। इसके बाद आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को गरमागरम पोषक आहार वितरण शुरू कराया जाएगा।

-राकेश यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी

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यूं होगा पोषाहार बजट

प्राथमिक विद्यालय की रसोई में पकने वाले आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के लिए गैस सिलेंडर व्यय के तौर पर बेसिक शिक्षा विभाग को प्रति लाभार्थी 50 पैसे के हिसाब से गैस (इधन) का व्यय मिलेगा। प्रति लाभार्थी हाट कुक्ड के लिए 4.50 रुपये का व्यय किए जाएंगे। इसमें भोजन पकाने की सामग्री (दाल सब्जी, तेल मसाले पर) 2.25 रुपये, ईधन यानी गैस के लिए 50 पैसे, खाद्यान्न के लिए 25 पैसे, रसोइया का पारिश्रमिक एक रुपये आंगनबाड़ी का पारिश्रमिक 50 पैसे निर्धारित है।


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