सदर सीएचसी से नदारद मिले पांच डॉक्टरों समेत 21 कर्मी
जागरण संवाददाता कानपुर देहात स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन सरकार
जागरण संवाददाता, कानपुर देहात: स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर व कर्मियों की उपस्थिति बनाने पर एड़ी-चोटी का जोर लगाए हैं, लेकिन लापरवाह डॉक्टर व कर्मी नाफरमानी पर आमादा हैं। बुधवार को सदर सीएचसी का औचक निरीक्षण करने पहुंचे सीएमओ को पांच डॉक्टरों सहित 21 कर्मी नदारद मिले। सभी का वेतन रोकते हुए नोटिस जारी की गई है।
बुधवार सुबह 9:30 बजे अकबरपुर सीएचसी का औचक निरीक्षण करने पहुंचे सीएमओ डॉ. हीरा सिंह ने सबसे पहले डॉक्टरों व कर्मियों की उपस्थिति जांची। इसपर चिकित्साधिकारी डॉ. पवन कुमार, डॉ. मयंक मिश्रा, डॉ. दीपाली सिंह, डॉ. शिखा श्रीवास्तव, चीफ फार्मासिस्ट रामशंकर गौतम, फार्मासिस्ट आरडी पाल, एचवी रानी देवी, स्टाफ नर्स किरन देवी, एआरओ राजेंद्र बहादुर सिंह यादव, वार्ड आया संगीता देवी, चतुर्थ श्रेणी बीरेंद्र कुमार मौर्या, बीएएम संदीप राजपूत, बीपीएम धर्मेंद्र, संविदा स्टाफ नर्स रंजना सचान, डीईओ अजय दीप मौके से नदारद मिले। डॉ. प्रियांक विनोद कुमार, नेत्र परीक्षण अधिकारी विवेक श्रीवास्तव, बीपीसीएम नेहा वर्मा की 7 व 8 मई की अनुपस्थिति मिली। एलए सुभाष राव, एचईओ राजीव त्रिपाठी की लगातार 1 से 8 मई तक की अनुपस्थिति पायी गई। वहीं एनएमए विनोद कुमार चौधरी की 1 से 3 मई तथा 7 व 8 मई की अनुपस्थिति दर्ज मिली। सीएचसी अधीक्षक डॉ. आईएच खान के प्रशिक्षण में शामिल होने सीएमओ कार्यालय जाने की जानकारी दी गई। सदर सीएचसी पर बड़ी संख्या में डॉक्टरों व कर्मियों के नदारद होने पर सीएमओ ने मनमाना अनुशासनहीन रवैया बताते हुए कड़ी नाराजगी जताई है। सीएमओ ने बताया कि निरीक्षण में अनुपस्थित पाये गए 5 डॉक्टरों सहित डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ व संविदा का वेतन और मानदेय रोकते हुए नोटिस जारी की गई है। लापरवाही के बावत एडी कानपुर मंडल व डीएम को भी अवगत कराया गया है। नहीं हो पाया दवाओं का भौतिक सत्यापन
अकबरपुर सीएचसी के औचक निरीक्षण करने पहुंचे सीएमओ को डॉक्टरों व कर्मियों के अनुपस्थित रहने से परेशानी उठानी पड़ी। चीफ फार्मासिस्ट के नदारद रहने से दवाओं का भौतिक सत्यापन नहीं हो सका। सीएमओ को सीएचसी के पंजीकरण काउंटर पर शेड नहीं मिला, जिससे मरीजों को कड़ी धूप में कतार लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा था।