जलभराव के साथ बढ़ा बीमारियों का खतरा
कानपुर देहात, जागरण संवाददाता: बारिश शुरू होते ही जगह-जगह होने वाले जलभराव व गंदगी से जल व वेक्टरजनि
कानपुर देहात, जागरण संवाददाता: बारिश शुरू होते ही जगह-जगह होने वाले जलभराव व गंदगी से जल व वेक्टरजनित बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है। वहीं स्वास्थ्य महकमा अभी सिर्फ कागजी खाना पूरी करने में जुटा है। जिले में वैक्टरजनित बीमारी नियंत्रण की कमान संभाले मलेरिया विभाग संसाधनों की कमी के चलते खुद ही बीमार है।
2008 व 2010 में बारिश के बाद हुए जलभराव व गंदगी के कारण फैली संक्रामक बीमारियों से तमाम लोगों की मौत हो गई थी। लखनऊ व दिल्ली से आई विशेषज्ञों की टीमों ने पड़ताल के बाद जिले को मलेरिया प्रभावित घोषित किया था। मच्छरों के परीक्षण के बाद विशेषज्ञों ने पांच साल पहले जिले को जापानी इंसेफेलाइटिस से प्रभावित मानते हुए विशेष इंतजाम करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके जिले में मलेरिया अधिकारी का पद दो साल से रिक्त है। वहीं कर्मचारियों की भी कमी है। ऐसे में बारिश शुरू होते ही जिले के लोगों को हर साल बीमारी का दंश झेलना पड़ता है। पिछले साल भी वेक्टरजनित बीमारी ने जिले के करीब दो सौ लोगों को मौत के मुंह में ढकेल दिया था। जीएसवीएम मेडिकल कालेज कानपुर में हुए परीक्षण में जिले के 151 मरीज डेंगू के चिह्नित हुए थे। इस साल भी पिछले तीन माह में बीमारी की चपेट में आकर 26 मौतें हो चुकी हैं। बारिश शुरू होने के बाद जलभराव होने से लोग संक्रामक बीमारियों को लेकर दहशत में हैं।
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दूषित जल से होने वाले रोग
विषाणु द्वारा - पीलिया, गैस्ट्रो
इंटराइटिस, जुकाम, चिकनपाक्स।
जीवाणु द्वारा - अतिसार, पेचिस, मियादी बुखार, अतिज्वर, हैजा, कुकुर खांसी।
प्रोटोजोआ द्वारा - पायरिया, निद्रारोग, मलेरिया, अमिबियोसिस।
कृमि द्वारा - फाइलेरिया, मलेरिया, मस्तिष्क ज्वर, डेंगू आदि।
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दो माह में चिह्नित मलेरिया रोगी
अस्पताल - मई - जून
रसूलाबाद- 0 1
झींझक- 0 2
संदलपुर- 1 0
डेरापुर - 4 2
मैथा - 0 1
अकबरपुर- 3 1
सरवनखेड़ा- 2 1
अमरौधा - 2 3
राजपुर- 2 3
मलासा - 0 1
जिला अस्पताल 11 20
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जिले में संसाधनों की स्थिति
संसाधन -उपलब्धता -आवश्यकता
मलेरिया अधिकारी - रिक्त
सहायक मलेरिया अधिकारी - रिक्त
बीएचडब्ल्यू - 10 - 105
एचआइ - 1 - 20
स्ट्रप पंप - 35 - 200
हैंड कंप्रेशर पंप - 2 - 35
पल्स फाग - 0 - 12
डीडीटी - 500 बोरी
टेनीफास - 35 लीटर
पैराथ्रम - 20 लीटर
मैलाथियान -20 लीटर
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मस्तिष्क ज्वर पर नियंत्रण के लिए नियमित टीकाकरण अभियान में जेई के भी टीके लगवाए जा रहे हैं। सभी ब्लाक स्तरीय स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को अलर्ट कर दिया गया है। जिले व ब्लाक स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीमें गठित हो चुकी हैं, जो बीमारी की सूचना मिलते ही प्रभावित गांवों में पहुंचकर उपचार करेंगी। संसाधनों की कमी के बावजूद बीमारी रोकने के लिए विभाग पूरी तरह तैयार है।
-डा. केके श्रीवास्तव, प्रभारी सीएमओ कानपुर देहात