टीईटी : सॉल्वर गैंग के चार सदस्यों की तलाश में जुटी एसटीएफ
मुरादाबाद में पकड़े गए कानपुर के युवक ने उगले साथियों के नाम, तलाश में एसटीएफ ताबड़तोड़ दबिश दे रही है।
By Edited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 01:39 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 11:00 AM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। यूपी टीईटी परीक्षा में मुरादाबाद में पकड़े गए सॉल्वर गैंग के सदस्यों की तलाश में एसटीएफ ताबड़तोड़ दबिश दे रही है। गिरफ्तार हुए आवास विकास कल्याणपुर के युवक सौरभ अस्थाना ने शहर के चार दोस्तों के नाम बताए हैं। वे भी रविवार को अभ्यर्थी की जगह टीईटी परीक्षा देने प्रयागराज (इलाहाबाद), लखनऊ गए थे।
एसटीएफ ने मुरादाबाद में छह सॉल्वरों व अभ्यर्थियों को पकड़ा, जो अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे थे। आरोपितों ने कबूल किया कि परीक्षा में पास कराने के बदले प्रति अभ्यर्थी एक लाख रुपये मिलने थे। जिसमें आधी रकम परीक्षा के बाद मिलनी थी। गिरफ्तार आरोपितों में कल्याणपुर आवास विकास निवासी सौरभ अस्थाना भी शामिल है। एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि सौरभ ने कल्याणपुर के चार साथियों के भी गिरोह में शामिल होने की जानकारी दी है। रविवार दोपहर बाद कानपुर एसटीएफ ने कई परीक्षा केंद्रों पर चेकिंग की, लेकिन गिरोह में शामिल सदस्यों का पता नहीं लगा। आरोपितों के पकड़े जाने के बाद ही इस बात का पता लगेगा कि उन्होंने किस अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दी।
इजी मनी के लालच में बन गया सॉल्वर
आवास विकास निवासी सौरभ परिवार का इकलौता बेटा है। उसके पिता एक प्राइवेट फर्म से रिटायर हो चुके हैं जबकि बहन दिल्ली में डॉक्टर है। पिता ने बताया कि पूर्वाचल के एक विवि से बीसीए करने के बाद सौरभ ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की। सफलता नहीं मिली तो 2013 में सिटी इंटरप्राइजेज नाम से फर्म खोली। कारोबार ठीक न चलने के कारण तीन साल बाद फर्म बंद कर वह गलत रास्तों पर चला गया। इसी वजह से परिवार ने उससे नाता तोड़ लिया था।
एसटीएफ ने मुरादाबाद में छह सॉल्वरों व अभ्यर्थियों को पकड़ा, जो अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे थे। आरोपितों ने कबूल किया कि परीक्षा में पास कराने के बदले प्रति अभ्यर्थी एक लाख रुपये मिलने थे। जिसमें आधी रकम परीक्षा के बाद मिलनी थी। गिरफ्तार आरोपितों में कल्याणपुर आवास विकास निवासी सौरभ अस्थाना भी शामिल है। एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि सौरभ ने कल्याणपुर के चार साथियों के भी गिरोह में शामिल होने की जानकारी दी है। रविवार दोपहर बाद कानपुर एसटीएफ ने कई परीक्षा केंद्रों पर चेकिंग की, लेकिन गिरोह में शामिल सदस्यों का पता नहीं लगा। आरोपितों के पकड़े जाने के बाद ही इस बात का पता लगेगा कि उन्होंने किस अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दी।
इजी मनी के लालच में बन गया सॉल्वर
आवास विकास निवासी सौरभ परिवार का इकलौता बेटा है। उसके पिता एक प्राइवेट फर्म से रिटायर हो चुके हैं जबकि बहन दिल्ली में डॉक्टर है। पिता ने बताया कि पूर्वाचल के एक विवि से बीसीए करने के बाद सौरभ ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की। सफलता नहीं मिली तो 2013 में सिटी इंटरप्राइजेज नाम से फर्म खोली। कारोबार ठीक न चलने के कारण तीन साल बाद फर्म बंद कर वह गलत रास्तों पर चला गया। इसी वजह से परिवार ने उससे नाता तोड़ लिया था।
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