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सुरक्षित है आपके पीएफ का पैसा

डाटा लीक प्रकरण में ईपीएफओ ने स्पष्टीकरण जारी किया है। सुरक्षात्मक दृष्टि से ऑनलाइन प्रक्रिया में बदलाव किए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 May 2018 10:51 AM (IST)Updated: Sun, 06 May 2018 10:51 AM (IST)
सुरक्षित है आपके पीएफ का पैसा
सुरक्षित है आपके पीएफ का पैसा

जागरण संवाददाता, कानपुर: दिल्ली में हुए पीएफ घोटाले के बाद ऑनलाइन पेमेंट में रोक की आ रही खबरों के बीच ईपीएफओ ने अपने सदस्यों व पेंशनर्स को आश्वस्त किया है कि उनका पैसा सुरक्षित है। बाकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर ईपीएफओ ने दावा किया है कि किसी भी सदस्य का डाटा लीक नहीं हुआ है और इसके लिए घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि दूसरी ओर ईपीएफओ अपने ऑनलाइन ढांचे के सिक्योरिटी फीचर्स में जबरदस्त तरीके से बदलाव कर रहा है।

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यह है दिल्ली मामला

ईपीएफओ में घोटाला द्वारका स्थित ऑनलाइन कार्यालय से जुड़ा है। यहां के ईपीएफओ अकाउंट से करीब 10 करोड़ रुपये निकाल लिए गए। फर्जीवाड़े की जानकारी वित्त वर्ष खत्म होने के बाद ईपीएफओ के अकाउंट्स मिलान के दौरान हुई। देखा गया कि ऑनलाइन कैश ट्राजैक्शन की रकम खातों में जमा रकम से मेल नहीं खा रही थी।

फर्जी खातों में ट्रासफर कराया रुपया

ईपीएफओ के द्वारका कार्यालय से दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश के ऑनलाइन अकाउंट संचालित किए जाते हैं। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का काम ईपीएफओ ने आउटसोर्स कर रखा है। आउटसोर्सिग कंपनी के ही कुछ कर्मचारियों ने फर्जीवाड़ा कर करीब 10 फर्जी नाम व पतों के बैंक अकाउंट खुलवा लिए। कानपुर तक पहुंची फर्जीवाड़े की रकम

इस घोटाले की 27 लाख रुपये की रकम कानपुर दक्षिण स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा बैंक से भी ट्रांसफर हुई है। ईपीएफओ इसकी जांच कर रहा है। अब तक यह हो चुके हैं बदलाव

पिछले तीन दिन से यह चर्चा जारों पर थी कि ऑनलाइन क्लेम में फर्जीवाड़े के चलते इसे रोक दिया गया है, लेकिन अधिकारी इससे मना कर रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक सुरक्षात्मक दृष्टि से कुछ बदलाव हुए हैं।

- ऑनलाइन क्लेम के लिए अब पेमेंट सीधे नहीं हो सकेगा बल्कि उसे प्रमाणित करने के लिए अब नियोक्ता के पास भेजा जाएगा।

- ईपीएफओ में काम कर रही बाहरी कंपनियों का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराया गया है।

- जीवित प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। अब पीपीओ अकाउंट्स के लिए छह के स्थान पर 13 डिजिट का पासवर्ड होगा। कर्मचारियों की कमी बनी मुसीबत

ईपीएफओ में कर्मचारियों की जबरदस्त कमी की वजह से ही ऐसा घोटाला संभव हुआ। आउटसार्सिग से कराए जा रहे क्लेम सेटेलमेंट ही फर्जीवाड़े की वजह बन रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक यूपी जोन में एसएसए पद के 735 पदों के सापेक्ष 366, एसएस पद के 159 पदों के सापेक्ष 96 और ईओ के 182 पदों के सापेक्ष केवल 93 लोग ही मौजूद हैं। यह स्थिति लगभग 50 फीसद ही है। कानपुर में भी जबरदस्त कमी

कानपुर में एसएसए पद के 93 पदों के सापेक्ष 66, एसएस पद के 20 पदों के सापेक्ष 16 और ईओ के 23 पदों के सापेक्ष केवल 13 लोग ही मौजूद हैं।

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ईपीएफओ के मौजूदा ढांचे में कई लीकपोल हैं। विभाग भले ही ऑनलाइन क्लेम का दावा कर रहा हो, लेकिन घोटाले के बाद मैनुअल क्लेम फिर से शुरू हो गया है।

राजेश शुक्ला, ईपीएफओ स्टाफ फेडरेशन के सलाहकार


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