सांड़ के हमले से युवक के फेफड़े में आई थी चोट, युवा डॉक्टरों ने बचाई जान
हैलट अस्पताल के इमरजेंसी में युवा डॉक्टरों ने टीम ने किया ढाई घंटे ऑपरेशनअब मरीज पूरी तरह से ठीक है और आइसीयू से बाहर आ गया है। डॉक्टरों की टीम की उपलब्धि पर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल एवं उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि ने बधाई दी
कानपुर, जेएनएन। हैलट के सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने सांड़ के हमले से उन्नाव निवासी एक मरीज का बाएं तरफ के बुरी तरह से क्षतिग्रस्त फेफड़े का सफल ऑपरेशन करने में कामयाब हुए हैं। हैलट इमरजेंसी में ढाई घंटे चली सर्जरी में मरणासन्न आए मरीज को नया जीवन दिया है। अब मरीज पूरी तरह से ठीक है और आइसीयू से बाहर आ गया है। युवा डॉक्टरों की सर्जिकल टीम की उपलब्धि पर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल एवं उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि ने बधाई दी है।
उन्नाव के कुचलि खेड़ा निवासी 30 वर्षीय घनश्याम पर सांड़ ने हमला कर दिया था। उसके सींग बाएं तरफ छाती से लेकर पेट तक धंस गई थीं। इस वजह से उसके बाएं फेफड़े पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। फेफड़े के अंदर की सतह यानी डायफ्रॉम प्रभावित होने से मरीज के स्वजन उसे मरणासन्न स्थिति में हैलट इमरजेंसी लेकर आए थे। चोट घातक होने की वजह से अंदर की नसें एवं मांसपेशियां क्षतिग्रस्त होकर बाहर की तरफ निकल आईं थीं। सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कौस्तुभ गुप्ता ने बताया कि जहां चोट लगी थी, उसके ठीक ऊपर दिल होता है। इसलिए ऑपरेशन करना काफी संवेदनशील था। मरीज की जान बचाने के लिए तत्काल ऑपरेशन का निर्णय लिया गया। सबसे पहले उसके बाएं फेफड़े के क्षतिग्रस्त हेमी डायफ्रॉम को रिपेयर किया गया, क्योंकि इस पर ही दिल टिका होता है। इसलिए सजगता के साथ सर्जरी की गई। उसके बाद बाएं फेफड़े की सतह को रिफेयर किया गया। इस जटिल सॢजकल प्रक्रिया में ढाई घंटे लगे। सर्जिकल टीम में सीनियर रेजीडेंट डॉ. संजय त्रिपाठी, डॉ. आशीष वाष्र्णेय, डॉ. संजय सिंह, डॉ. सुजीत सिंह, डॉ. अभिषेक मंगला, डॉ. प्रेरणा मिंज, एनस्थेसिया के डॉ. सागर व डॉ. हिना शामिल रहीं।