Lockdown Effect : इस बार खुशबूदार क्वालिटी वाली चाय का स्वाद लेने के लिए करना होगा लंबा इंतजार
दिसंबर में बागान बंद होने के बाद मार्च में तोडऩी शुरू होती हैं पत्तियां पहली दो बार की पत्तियों को बाजार में सबसे अच्छा माना जाता है।
कानपुर, [जागरण स्पेशल]। चाय के शौकीनों को इस वर्ष बागान की शुरुआती पत्तियों की खुशबूदार क्वालिटी टी मिलनी मुश्किल होगी। दिसंबर में बागान के बंद होने के बाद मार्च में पहली दो बार की तोड़ी गई पत्तियां सबसे अच्छी और खुशबूदार होती हैं। इनकी कीमत बाद में आने वाली चाय के मुकाबले 100 से 200 रुपये किलो तक ज्यादा होती हैं। लॉक डाउन में बागान बंद होने से पहले शहर में हर वर्ष की तुलना में इन पत्तियों की मात्र 10 फीसद चाय ही आ सकी है। अब बागान खुलने तक पत्तियां इतनी बड़ी हो चुकी होंगी कि उनकी क्वालिटी खराब हो जाएगी। कारोबारियों को अब नवंबर का इंतजार रहेगा, जब बारिश के बाद नई पत्तियों की चाय आएगी।
बागान बंद होने से नहीं टूट सकीं पत्तियां
मार्च की शुरुआत में बागान में जब नई पत्तियां आती हैं तो इन्हें सात से नौ दिन के बीच तोड़ लिया जाता है। दोबारा फिर निकलने वाली पत्तियों को सात से नौ दिन के बीच तोड़ा जाता है। ये पत्तियां बेहद छोटी कोपल जैसी होती हैं और बाजार में फस्र्ट और सेकेंड लीफ के नाम से बिकती हैं। इसे क्वालिटी और खुशबू वाली चाय मानते हैं। इसके बाद की पत्तियों में वह खुशबू नहीं रहती। इस वर्ष पहली बार की पत्तियां टूट चुकी थीं और दूसरी बार की पत्तियों के टूटने का समय आ रहा था लेकिन लॉक डाउन के कारण श्रमिक चले गए। कारोबारियों के मुताबिक हर वर्ष अप्रैल तक पहली दो बार की पत्तियों की करीब दो लाख किलो चाय कानपुर आती थी। इस बार मात्र 20 हजार किलो चाय आई है।
कानपुर में हर माह 20 लाख किलो चाय की खपत
कानपुर बड़ा शहर है और व्यापारिक हब भी, इसलिए यहां हर माह 20 लाख किलो चाय की खपत होती है। यह तीन बड़े और करीब दो दर्जन छोटे ब्रांड भी हैं। ये तमाम जिलों में चाय बेचते हैं। शहर में करीब दो दर्जन थोक कारोबारी भी हैं।
इनका ये है कहना
क्वालिटी चाय शहर में नाममात्र ही आ पाई है। अब नवंबर का इंतजार है जब बारिश के बाद वाली पत्तियों की चाय आती है। चाय की इस वर्ष कमी भी होगी, जिसकी वजह से 30 से 40 रुपये किलो तक कीमतें बढ़ सकती हैं।
-सत्य प्रकाश बंसल, अध्यक्ष, कानपुर चाय उद्योग व्यापार मंडल।
क्वालिटी चाय की खुशबू सबसे अच्छी होती है। लॉक डाउन की वजह से बागान बंद हो गए। अब फस्र्ट और सेकेंड लीफ की और चाय आने की उम्मीद नहीं है।
- श्याम अग्रहरि, महामंत्री, कानपुर चाय उद्योग व्यापार मंडल।