Move to Jagran APP

परीक्षा पास करेंगे तब बनेंगे स्वतंत्र निदेशक

कंपनियों में स्वतंत्र निदेशक बनाने में अब किसी की मनमानी नहीं चलेगी। अब स्वतंत्र निदेशक बनने के लिए परीक्षा होगी और प्रथम श्रेणी यानी कम से कम 60 फीसद अंक लाने वाले ही स्वतंत्र निदेशक बनाए जा सकेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 01:19 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 06:04 AM (IST)
परीक्षा पास करेंगे तब बनेंगे स्वतंत्र निदेशक
परीक्षा पास करेंगे तब बनेंगे स्वतंत्र निदेशक

राजीव सक्सेना, कानपुर

loksabha election banner

कंपनियों में स्वतंत्र निदेशक बनाने में अब किसी की मनमानी नहीं चलेगी। अब स्वतंत्र निदेशक बनने के लिए परीक्षा होगी और प्रथम श्रेणी यानी कम से कम 60 फीसद अंक लाने वाले ही स्वतंत्र निदेशक बनाए जा सकेंगे। नियुक्ति में मनमानी पर लगाम के लिए मिनिस्ट्री ऑफ कारपोरेट अफेयर्स एक दिसंबर दिसंबर 2019 से नए नियम लेकर आ रहा है। इससे कंपनियों की गड़बड़ियों पर नजर रखी जा सकेगी।

पब्लिक कंपनियों को अपने यहां स्वतंत्र निदेशक रखना अनिवार्य होता है। स्वतंत्र निदेशक वे होते हैं जिनके कंपनी में अपने कोई हित नहीं होते। वे कंपनी के काम पर नजर रखते हैं और बैठकों में शामिल होते हैं। कंपनी में क्या गड़बड़ियां हो रही हैं, इनकी जानकारी मिनिस्ट्री ऑफ कारपोरेट अफेयर्स को देते हैं। वह मुख्य रूप से शेयरधारकों के हितों का ध्यान रखते हैं। सूचीबद्ध कंपनी में कुल निदेशकों की संख्या के एक-तिहाई निदेशक स्वतंत्र निदेशक के रूप में होते हैं। वहीं गैर सूचीबद्ध कंपनियों में कम से कम दो स्वतंत्र निदेशक होने चाहिए। प्राइवेट कंपनी में इनकी जरूरत नहीं रहती। तमाम कंपनियां पहचान के लोगों को स्वतंत्र निदेशक बना देती हैं। इसके पीछे उनका तर्क होता है कि उन्हें कोई और योग्य निदेशक नहीं मिला, जबकि ऐसा अपनी गड़बड़ियों को छिपाने के लिए किया जाता है।

कंपनियों की इस मनमानी को रोकने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ कारपोरेट अफेयर्स ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कारपोरेट अफेयर्स (आइआइसीए) को स्वतंत्र निदेशकों का डाटा बनाने के लिए कहा है। अब देश में जितने भी स्वतंत्र निदेशक हैं, उन्हें आइआइसीए द्वारा आयोजित परीक्षा पास करनी होगी। परीक्षा में 60 फीसद नंबर लाने पर वे आइआइसीए की सूची में आ जाएंगे। कोई भी कंपनी इसी सूची से ही स्वतंत्र निदेशक ले सकेगी। इसके बाहर से स्वतंत्र निदेशक नहीं बनाया जा सकेगा। यह व्यवस्था एक दिसंबर से लागू हो रही है। 10 वर्ष के अनुभव पर परीक्षा नहीं

सूचीबद्ध कंपनियां, जिनकी पेड अप कैपिटल 10 करोड़ रुपये से अधिक है, उसके स्वतंत्र निदेशकों को परीक्षा की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा जो स्वतंत्र निदेशक 10 वर्ष से काम कर रहे हैं, उन्हें भी परीक्षा नहीं देनी होगी।

-----------------

स्वतंत्र निदेशक को नई व्यवस्था में खुद को तीन माह में इनरोल कराना होगा। आइआइसीए के डाटा में जिनका नाम होगा, वे ही अब स्वतंत्र निदेशक बनेंगे। इससे कंपनियों की तमाम गड़बड़ियां पकड़ी जा सकेंगी।

- गोपेश साहू, चैप्टर चेयरमैन, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान, कानपुर नगर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.