खतरे के निशान से 3.5 मीटर ऊपर बह रही यमुना, तटवर्ती जिलों में डूब गए कई गांव Kanpur News
कानपुर देहात जालौन उरई और इटावा के गांवों में बाढ़ का कहर एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें बचाव में जुटी हैं।
कानपुर, जेएनएन। रौद्र रूप दिखा रही नदियों की बाढ़ ने लोगों को पलायन को मजबूर कर दिया है। चौतरफा पानी से घिरे गांवों में नाव के सहारे लोग सुरक्षित ठिकानों की ओर जा रहे हैं, वहीं कई जगह बाढ़ के पानी की वजह से आवागमन ठप हो गया है और फंसे लोगों को एनडीआरएफ और प्रशासन की टीमें निकालने में जुटी हैं। जालौन के कालपी और कानपुर देहात में खतरे के निशान से साढ़े तीन मीटर यमुना उफान पर चल रही हैं। तटवर्ती गांवों में बाढ़ से आवागमन बंद हो गया और ग्रामीण पलायन करने लगे हैं।
कालपी के रिहायशी इलाकों में बाढ़ पानी
जालौन के कालपी में यमुना खतरे के निशान 108 मीटर से साढ़े तीन मीटर ऊपर 111.50 मीटर पर पहुंच गईं। हालात यह हो गए कि नगर के रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। तटवर्ती गांवों के रास्तों पर आवागमन ठप हो गया है।
प्रशासन व पुलिस के साथ एसडीआरएफ की टीम बचाव कार्य में लगी हैं। नदी का जलस्तर पांच से छह सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। छंगे आश्रम के ऊपर तक पानी पहुंच गया है और लोग नाव से आवागमन कर रहे हैं। हजारों एकड़ फसल पानी में डूबकर नष्ट हो रही है। और करीब 70 किमी. के दायरे में केवल पानी ही पानी दिखाई दे रहा है।
इटावा में चंबल पिछले सभी रिकार्ड तोड़ते हुए बुधवार सुबह 128.53 मीटर के स्तर पर आ गई। इससे पहले वर्ष 1996 में 128.35 मीटर तक पहुंची थी। नदी उफनाने से सदर तहसील और चकरनगर के 50 गांवों में जलभराव हो गया और संपर्क टूट गया है। एक दर्जन गांवों में लगातार पानी बढऩे से प्रशासन उन्हें नावों के सहारे सुरक्षित जगह पहुंचा रहा है।
कानपुर देहात में भोगनीपुर, सिकंदरा तहसील क्षेत्र में दो दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं। औरैया के 12 गांवों में एनडीआरएफ के जवान लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगे हैं। क्योंटरा गांव को पूरी तरह खाली करने का फरमान दिया गया है। हमीरपुर में भी यमुना व बेतवा तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं। बुधवार शाम तीन बजे यमुना का जलस्तर 106.07 मीटर व बेतवा का 105.55 मीटर दर्ज किया गया है। पुराने बेतवा घाट, जमुनाघाट, डिग्गी, कलौलीतीर और पारा ओजी में नाव चलने लगी हैं।
बांदा में केन व यमुना का जलस्तर करीब डेढ़-डेढ़ मीटर और बढ़ गया। हालांकि खतरे के निशान से काफी नीचे है। यमुना खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर 101.17 मीटर पर बह रही। चित्रकूट में यमुना के पानी से राजापुर और मऊ तहसील के 50 गांव घिर गए हैं। हालांकि खतरे का निशान अभी ढाई मीटर ऊपर है लेकिन तटवर्ती इलाकों में पानी आ रहा है।