जानें-यदुपति सिंहानिया का जीवन परिचय, आइआइटी से थे बीटेक और लंबे समय तक रहे यूपीसीए के चेयरमैन
Yadupati Singhania Passed Away यदुपति सिंहानिया ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का चेयरमैन रहकर शहरी क्रिकेटरों को मुकाम दिया तो मर्चेंट चेंबर ने खो दिया अाजीवन संरक्षक।
कानपुर, जेएनएन। मशहूर उद्योगपति यदुपति सिंहानिया के निधन से कानपुर को अपूर्णीय क्षति हुई है। आइआइटी कानपुर से बीटेक यदुपति सिंहानिया ने न सिर्फ उद्योग के क्षेत्र में बुलंदियां हासिल कीं बल्कि लंबे समय तक यूपीसीए के चेयरमैन रहकर उत्तर प्रदेश में क्रिकेट को मुकाम दिया। अपने आजीवन संरक्षक के अचानक दुनिया से चले जाने से कानपुर मर्चेंट चेंबर में शोक की लहर दौड़ गई है।
शुरुआत से ही थे बड़े उद्यमी के गुण
जेके समूह के वाइस प्रेसीडेंट, जेके सीमेंट व जेके काॅटन के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक यदुपति सिंहानिया का गुरुवार सुबह 11 बजे सिंगापुर में निधन होने की जानकारी होते ही कानपुर में शोक छा गया। पिछले काफी समय से स्वास्थ्य खराब होने की वजह से वह इलाज के लिए सिंगापुर गए थे, जहां पर उन्होंने अंतित सांस ली। उनका जन्म शहर के प्रसिद्ध उद्योगपति डाॅ. गौरहरि सिंहानिया के घर 29 सितंबर 1953 को हुआ था। उनके दादा सर पदमपत सिंहानिया थे। शहर के प्रमुख उद्योगपति परिवार में जन्म लेने के कारण उनमें भी एक बड़े उद्यमी के सभी गुण शुरुआत से ही थे।
आइआइटी से किया था बीटेक
उन्होंने आइआइटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। 1984 में राजस्थान में सीमेंट का उत्पादन शुरू किया था, उस समय प्लांट की क्षमता 50 हजार टन थी। मौजूदा समय में जेके सीमेंट व्हाइट सीमेंट के क्षेत्र में देश में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और विश्व में तीसरे नंबर पर है। 1990 में उन्हें आर्किटेक्ट आॅफ दि ईयर का पुरस्कार भी मिला। सीमेंट के क्षेत्र में उन्हें लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड मिला। दो वर्ष पहले उन्हें सीमेंट कंपनियों में से बेस्ट सीईओ का भी अवार्ड मिला। उन्होंने जेके सीमेंट का वर्ष 2023 तक के लिए बड़ा लक्ष्य तय किया था। वह उसे इस दौरान 20 बिलियन डालर की कंपनी बनाना चाहते थे। वह जेके समूह की तमाम कंपनियों में निदेशक भी थे।
यूपीसीए के लंबे समय से चेयरमैन रहे
यदुपति सिंघानिया उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के लंबे समय से चेयरमैन रहे। सचिव कोई भी होता रहा लेकिन चेयरमैन यदुपति सिंघानियां ही चुने जाते रहे। उन्होंन क्रिकेट को बुलंदियों पर पहुंचाया। खिलाड़ियों की मदद के लिए कई प्रयास किए।
मर्चेंट चेंबर के आजीवन संरक्षक थे
मशहूर उद्योगपति कानपुर मर्चेंट चेंबर के आजीवन संरक्षक थे। वह दो बार 1992-93 और 1993-94 में मर्चेंट चेंबर के अध्यक्ष भी रहे थे। मर्चेंट चेंबर भी जाते भी थे। उनके निधन की सूचना के बाद मर्चेंट चेंबर में शोक जताया गया।
शिक्षा के क्षेत्र में योगदान
उद्योगपति यदुपति सिंहानिया को पढ़ने का बहुत शौक था। इसके चलते वह शिक्षा से जुड़ी तमाम संस्थाओं से जुड़े हुए थे। राजस्थान के गोटान में लाला कमलापत सिंहानिया एजुकेशन सेंटर, उदयपुर में सर पदमपत सिंहानिया विश्वविद्यालय, कानपुर में डाॅ. गौरहरि सिंहानिया इंस्टीट्यूट आॅफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च आदि से जुड़े थे। वह सांस्कृतिक व धार्मिक संस्थाओं से भी जुड़े थे। कई में वह मैनेजिंग ट्रस्टी के रूप में थे।
फूलों की प्रदर्शनी को बढ़ावा
उन्हें विंटेज कार का संग्रह पसंद था। इसके अलावा वह फूलों की प्रदर्शनी के आयोजन को भी काफी सहयोग करते थे। जेके कालोनी में लगने वाले डाॅग शो के पीछे भी वही होते थे।
आइआइटी के कार्यक्रमों में रहता था सहयोग
आइआइटी कानपुर का छात्र रहने की वजह से वह आइआइटी से जुड़े तमाम प्रमुख कार्यक्रमों में जुड़े रहते थे। अंतराग्नि, उद्घोष, टेककृति जैसे बड़े कार्यक्रमों में उनका सहयोग होता था। आइआइटी के कई कार्यक्रम व वर्कशाॅप को उन्होंने स्पांसर किया। इसके अलावा वहां पीएचडी करने वाले सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए विशेष सहयोग फंड भी बनाया हुआ है।