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नदी को दिए 'जख्म', मिला बाढ़ का 'दर्द'

गंगा में दो दशक पहले सिल्ट साफ हुई थी। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि शासन से अनुमति लेकर सिल्ट साफ कराए। पांडु नदी की पांच सौ एकड़ से ज्यादा भूमि पर भूमाफिया के कब्जे हैं।

By Edited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 01:28 AM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 10:57 AM (IST)
नदी को दिए 'जख्म', मिला बाढ़ का 'दर्द'
नदी को दिए 'जख्म', मिला बाढ़ का 'दर्द'
जागरण संवाददाता, कानपुर : यह चेतावनी नई नहीं। लगातार ही चेताया जाता रहा। प्रकृति से छेड़छाड़ अंतत: मानव जीवन के लिए ही मुसीबत बनेगा। हुआ भी यही। बाढ़ की विभीषिका सामने है। यह मंजर सामने न होता, अगर पांडु नदी को अविरल रखा गया होता। भूमाफिया और अनियोजित विकास ने पांडु नदी की धारा को ही रोक दिया। नदी की जमीन पर प्लाटिंग हो गई। आशियाने खड़े हो गए। नतीजा, नदी में बाढ़ आ रही है। लोगों को पलायन करना पड़ रहा है।
गंगा भी अनदेखी का शिकार है। सिल्ट साफ न किए जाने का परिणाम किनारे के गांव बाढ़ के रूप में भुगत रहे हैं। गंगा का जलस्तर तो घट गया, मगर जिन गांवों में पानी घुसा था, वहां आज भी जल भराव है। बाढ़ ने जो नुकसान किया, उसकी भरपाई में लंबा वक्त लगेगा। बाढ़ के लिए जिम्मेदार भू माफिया और अफसर तो मौज में हैं, परेशान वे हैं जिन्होंने विभीषिका झेली है। अनदेखी का यदि यही सिलसिला रहा तो नदी को दिए जख्म के बदले बाढ़ का दर्द ही मिलता रहेगा।
नहीं मान रहे सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि गंगा नदी के तट से दो सौ मीटर के दायरे में कोई निर्माण नहीं होगा, लेकिन पालन नहीं हो रहा है। गंगा में अब भी निर्माण हो रहा है। जाजमऊ, रानी घाट के आसपास गंगा में मकान बन गए हैं। अब भी निर्माण हो रहा है, लेकिन कोई रोकने वाला नहीं। गंगा में दो दशक पहले सिल्ट साफ हुई थी। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि शासन से अनुमति लेकर सिल्ट साफ कराए, लेकिन इसके लिए अधिकारियों को फुर्सत नहीं है। यही वजह है कि तटवर्ती गांवों में गंगा का पानी घुसता है और लोग पलायन करते हैं।
बंधे की फाइल अटकी
तीन साल पहले बिठूर से बैराज तक बंधा निर्माण करने की योजना बनी थी, लेकिन फाइल अटक गई। यह बंधा बन जाता तो बिठूर के आसपास के गांवों में बाढ़ से बर्बादी न होती।
गंगा की बाढ़ से ये गांव प्रभावित
सरजू पुरवा मलिन बस्ती रानी घाट, तिवारी घाट बस्ती, ¨हदूपुर, शिवदीनपुरवा, पपरिया, डल्लापुरवा, भारतपुरवा, प्रतापपुर हरी बनियापुरवा, दुर्गापुरवा, लक्षमनपुरवा,मक्कापुरवा,भोपालपुरवा,भगवादीनपुरवा, गिल्लीपुरवा लोधवा खेड़ा, चैनपुरवा, देवी पाटन समेत कई गांवों में पानी भर गया है।
पांडु नदी में बाढ़ के लिए केडीए जिम्मेदार
पांडु नदी में बाढ़ के लिए भूमाफिया के साथ केडीए जिम्मेदार है। केडीए ने पनकी भाऊसिंह में न्यू ट्रांसपोर्ट नगर बसा रखा है। यहां नदी का पानी न घुसे, इसलिए नदी की धारा में दीवार बना दी गई। इसकी वजह से नदी की धारा मुड़ी और बाढ़ आई। अगर दीवार नहीं तोड़ी गई तो आसपास के लोग फिर बाढ़ का दंश झेलेंगे।
पांच सौ एकड़ से ज्यादा भूमि पर कब्जे
पांडु नदी की पांच सौ एकड़ से ज्यादा भूमि पर भूमाफिया के कब्जे हैं। मर्दनपुर, भौंती आदि जगहों पर कब्जा कर भूमाफिया ने प्लाटिंग की और करोड़ों रुपये कमा लिए। मकान के अलावा फार्म हाउस भी बन गए हैं। केडीए, सिंचाई विभाग और राजस्व विभाग को यहां की स्थिति पता है, मगर मौन साधे हैं।
पांडु नदी ने यहां बरपाया कहर
सुंदर नगर, पनका बहादुर नगर, चीतेपुर, पनका रविदासपुरम, बनका, कपली, बिनगवां, टिकरा, जरौरी, बिनगवां, मेहरबान सिंह का पुरवा, चन्दनपुरम्, गुजैनी गांव समेत 24 बस्तियों में पानी भर गया।
नदी पर निगरानी के मानक
नदी के किनारों पर कब्जा न हो, इसके लिए जिला प्रशासन, सिंचाई विभाग, तहसीलदार, राजस्व विभाग और केडीए को नजर रखनी है। कोई भी विभाग अपने काम को मुस्तैदी से नहीं कर रहा है।
लो फ्लड लेवल
गंगा का लो फ्लड लेवल 113 मीटर है। खतरे का निशान 114 मीटर है। हाई फ्लड लेवल वर्ष 2010 में गंगा 116.35 मीटर तक पहुंच गई थी। इस बार गंगा बैराज में जलस्तर 115.53 मीटर तक पहुंचा है।
सीएम ने कब्जों की जांच के दिए निर्देश, गठित कमेटी
बारिश ने पांडु नदी में हुए कब्जों की पोल खोलकर रख दी। जल निकासी न होने के कारण कई गावों में पानी भर गया था। महापौर प्रमिला पांडेय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को जांच की जिम्मेदारी दी है। डीएम ने जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। इसमें अपर नगर आयुक्त अमृत लाल बिंद को अध्यक्ष बनाया गया है। मुख्य अभियंता नगर निगम मनीष सिंह, उप जिलाधिकारी नगर द्वारा नामित प्रतिनिधि व सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता रामराज सदस्य है।
इस तरह हो सकता समाधान
पांडु नदी में बने मकानों को वहां से हटाकर धारा को अविरल बनाना जरूरी है। - लोगों ने नदी को पाटकर खेत बना लिया है। फिर से खोदाई कराई जाए। -केडीए द्वारा बनाई गई दीवार को तत्काल तोड़ा जाए। -गंगा की बाढ़ रोकने के लिए बैराज से बिठूर तक बंधा जरूरी।
- बैराज से शुक्लागंज तक चैनपुरवा की तरफ बंधा निर्माण हो।
- नदी में जमा सिल्ट की सफाई कराई जाए।
कहते हैं अफसर
जांच के लिए कमेटी गठित हो गई है। पांडु नदी में पानी कम हो तो जांच शुरू की जाए कहां पर कब्जे हैं, किसने किए हैं। कब्जों को चिन्हित करके कार्रवाई की जाएगी। - रामराज, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग
' पांडु नदी में अवैध ढंग से बने मकान ढहाए जाएंगे। किसी भी दशा में नदी की भूमि पर कब्जा नहीं होने देंगे। बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान करेंगे। केडीए, नगर निगम और सिंचाई विभाग मिलकर समस्या का समाधान करेंगे। - विजय विश्वास पंत , डीएम

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