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बुजुर्गों की दिनचर्या बिगडऩे लगे तो हो जाएं सचेत, समय पर पहचान से बीमारी की जटिलता से बचें

डॉक्टरों की सलाह है कि समय निकालकर बुजुर्गों से बात जरूर करें और उनकी बातों को नजरंदाज करने की जगह उन्हें ध्यान से सुनें।जागरूकता के लिए हर साल 21 सितम्बर को विश्व अल्जाइमर्स दिवस मनाते हैं जबकि देश में राष्ट्रीय डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 09:32 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 05:18 PM (IST)
बुजुर्गों की दिनचर्या बिगडऩे लगे तो हो जाएं सचेत, समय पर पहचान से बीमारी की जटिलता से बचें
जागरूकता के लिए हर साल 21 सितम्बर को विश्व अल्जाइमर्स दिवस मनाते हैं

कानपुर, [जागरण स्पेशल]। अगर आपके घर में 65 वर्ष से अधिक आयु के किसी बुजुर्ग को दैनिक कार्य करने में दिक्कत हो रही है, उनकी रोजमर्रा की चीजें प्रभावित हो रही है, तो यह लक्षण भूलने की बीमारी डिमेंशिया के हो सकते हैं। बढ़ती उम्र के साथ यह बीमारी बुजुर्गों को परेशान करने लगती है। समय पर पहचान कर इलाज कराने से इस बीमारी की जटिलता से बचा सकता हैं। इसके लिए बुजुर्गों को सम्मान व अपनापन देना भी आवश्यक होता है। जागरूकता के लिए हर साल 21 सितम्बर को विश्व अल्जाइमर्स दिवस मनाते हैं, जबकि देश में राष्ट्रीय डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है।

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वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट एवं जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. नवनीत कुमार का कहना है कि बुजुर्गों को अकेलापन न महसूस होने दें, समय निकालकर उनसे बात जरूर करें। उनकी बातों को नजरंदाज करने की जगह उन्हें ध्यान से सुनें। उनकी मनपसंद चीजों का ख्याल रखें। उनके सोने-जागने से लेकर नाश्ता और भोजन की व्यवस्था निर्धारित समय पर करें। यह बीमारी 65 वर्ष की उम्र के बाद देखने को मिलती है, इसलिए जैसे ही लक्षण नजर आएं विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाएं।

बीमारी की शुरुआत के लक्षण

  • जीवनशैली में अचानक बदलाव
  • आलस्य से दिनचर्या प्रभावित होना
  • रोजमर्रा की चीजों को भूलने लगना
  • व्यवहार में परिवर्तन आना
  • लोगों से बात करने से कतराना
  • बीमारियों को नजरंदाज करना
  • भरपूर नींद का न आना
  • किसी पर भी शक करना।

हर जिले में मनेगा जागरूकता सप्ताह

प्रदेश के सभी जिले में 21 से 27 सितंबर तक डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह मनाया जाएगा। कोविड-19 प्रोटोकॉल अपनाते हुए रैली, संगोष्ठी, शहरी मलिन बस्तियों व मंद बुद्धी प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए शिविर लगाए जाएंगे।

ऐसे दूर भगाएं डिमेंशिया

भूलने की बीमारी पर नियंत्रण के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहना जरूरी है। नकारात्मक विचारों को हावी न होने दें। संगीत सुनने, गाना गाने, बागवानी व खेलकूद, जिसमें रुचि हो, उसमें मन लगाएं। नियमित व्यायाम एवं योग करें। अनियमित दिनचर्या बीमारी को बढ़ाती है।

फोन मिलाएं और समाधान पाएं

बुजुर्ग अपनी किसी भी समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान के टोल फ्री नंबर- 080-46110007 पर कॉल कर सकते हैं।


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