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ग्रीन पार्क स्टेडियम कानपुर में 'लापरवाही' की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी

विश्व क्रिकेट में कई रिकार्ड का गवाह रहा ग्रीन पार्क स्टेडियम आवास विकास की लापरवाह कार्यशैली के चलते डे नाइट मैचों से हाथ धो सकता है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 02 Jul 2018 02:17 PM (IST)Updated: Fri, 06 Jul 2018 08:16 AM (IST)
ग्रीन पार्क स्टेडियम कानपुर में 'लापरवाही' की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी
ग्रीन पार्क स्टेडियम कानपुर में 'लापरवाही' की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी

कानपुर [शरद त्रिपाठी]। विश्वभर में अपनी हरियाली के लिए विख्यात ग्रीन पार्क स्टेडियम अब फ्लड लाइट में कम रोशनी के कारण बड़े क्रिकेट मैच की मेजबानी गंवा सकता है। यहां पर निर्माण का काम करने वाली संस्था आवास-विकास परिषद प्रदेश में घर बनाने का काम करती है, इसी कारण वह स्टेडियम के निर्माण में भी कुछ वैसा ही काम कर रही है।

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विश्व क्रिकेट में कई रिकार्ड का गवाह रहा ग्रीन पार्क स्टेडियम आवास विकास की लापरवाह कार्यशैली के चलते डे नाइट मैचों से हाथ धो सकता है। यहां पर 33.57 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले प्लेयर पवेलियन के निर्माण में आवास विकास परिषद की लापरवाही से मैदान और पिच पर रोशनी की तीव्रता अंतरराष्ट्रीय मानकों से कम हो गई है। इसके कारण ग्रीन पार्क को डे नाइट मैच की मेजबादी चाहिए तो पुरानी फ्लड लाइट शिफ्ट करने या नई लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यहां पर अब आवास विकास की गलती सुधारने की कीमत चार करोड़ से 14 करोड़ रुपये तक चुकानी होगी। इस मामले में महालेखा परीक्षक कार्यालय ने आपत्ति भी लगाई है, जिसके लंबित रहने के कारण आज तक यह प्लेयर पवेलियन खेल विभाग को हैंडओवर नहीं हो सका है।

ग्रीनपार्क में प्लेयर पवेलियन की निर्माण एजेंसी आवास विकास परिषद है। अधिकारियों ने निर्माण में शुरुआत से लापरवाही बरती। निर्माण शुरू करने के छह महीने बाद नक्शे में पवेलियन की ऊंचाई डेढ़ मीटर अधिक होने पर आपत्ति के बाद भी निर्माण जारी रखा। खेल विभाग ने इसे तकनीकी मानकों के अनुसार सही नहीं बताया था लेकिन आपत्ति को दरकिनार करते हुए प्लेयर पवेलियन की ऊंचाई बढ़ा दी गई।

ग्रीन पार्क की पिच और आउटफील्ड पर पहुंचने वाली रोशनी कम हो गई है। हैरत की बात यह है कि काम का लगातार स्थलीय निरीक्षण होता रहा लेकिन किसी अधिकारी का ध्यान इस खामी पर नहीं गया। वर्ष 2013 में डायरेक्टर पवेलियन बनने के दौरान यही गलती हुई थी।

मैच के लिए चाहिए रोशनी

ग्रीनपार्क में डे नाइट मैच कराने के लिए पिच पर 3500 लक्स और आउटफील्ड पर 2500 लक्स तीव्रता की रोशनी चाहिए, जो मौजूदा समय में केवल 2200 और 2000 लक्स रह गई है। अभी नये प्लेयर पवेलियन पर टीनशेड नहीं लगा है। टीन शेड लगने के बाद रोशनी की तीव्रता में करीब 500-600 लक्स की कमी आ जाएगी। आवास विकास के परियोजना प्रबंधक रोशनी कम होने की बात तो स्वीकार कर फ्लड लाइट शिफ्ट करने की बात कर रहे हैं लेकिन, काम मानक के अनुरूप बता रहे हैं। आपत्तियों पर उन्होंने चुप्पी साध ली।

लगातार होता रहा पत्र व्यवहार

नवंबर 2016 में आवास विकास के दिए गए नक्शे में 23.54 मीटर की ऊंचाई होने पर तत्कालीन उप निदेशक ऊषा लाल ने दिसंबर 2016 में पत्र लिखकर डिजाइन पर आपत्ति जताई थी। पत्र में कड़ी टिप्पणी भी कि इससे परियोजना का उद्देश्य सार्थक नहीं होगा। मानक के अनुसार रोशनी नहीं मिलेगी और डे नाइट मैच नहीं मिल पाएंगे। तत्कालीन एडीएम सिटी अविनाश सिंह ने भी डायरेक्टर पवेलियन हुई इसी लापरवाही का जिक्र किया था। आवास विकास परिषद फ्लड लाइट को शिफ्ट करने की माथापच्ची कर रहा है। इसमें करीब चार करोड़ और नई फ्लड लाइट में 13-14 करोड़ रुपये खर्च होगा।

एक नजर में प्लेयर पवेलियन

शुरूआत- मई 2016

पूरा होना था-दिसंबर 2017

स्वीकृत ऊंचाई-22 मीटर

तैयार ऊंचाई-23.54 मीटर

कुल लागत-33.57 करोड़ रुपये

हम सुधार करेंगे

आवास विकास परिषद के परियोजना प्रबंधक एचके वाधवा ने बताया कि काम मानक के अनुसार ही किया है। यह सत्य है कि ग्रीनपार्क पर रोशनी कम पड़ रही है, इसके लिए टीनशेड की चौड़ाई पांच मीटर कम कर देंगे। फ्लड लाइट भी शिफ्ट कर देंगे। 


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