अपराधियों को अब अपराध पैरवी मॉनीटरिंग सेल 'जल्द' दिलाएगी सजा
सेल का एसपी क्राइम को प्रभारी बनाया गया है। इसका मुख्य काम गवाहों का समय से बयान दर्ज करना व सुरक्षा मुहैया कराना है।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। गवाहों की सुरक्षा या समय पर सूचनाओं के अभाव के कारण अदालती फैसले में देरी पर लगाम लगाने की एसएसपी ने अपराध पैरवी मॉनीटरिंग सेल का गठन किया है। इस सेल का प्रभारी एसपी क्राइम राजेश यादव को बनाया गया है। पहले चरण में 350 मामलों में कोर्ट में पैरवी के साथ गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराई गई है। पिछले एक माह में इनमें हत्या के चार और अन्य आठ अपराधिक मामलों में कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
एसएसपी ने बताया कि डीजीपी के आदेश पर हत्या, लूट, डकैती, पॉक्सो एक्ट और निरोधात्मक कार्रवाई के लिए सेल का गठन किया है। जो अभियुक्तों को सजा दिलाने में वादी की मदद करेगी। इसके तहत 350 मामलों को चिन्हित किया गया है, जिसमें 113 पाक्सो एक्ट के हैं। सेल का मुख्य काम गवाहों का समय से बयान दर्ज करना व उन्हें सुरक्षा मुहैया कराना है। इसके अलावा पुलिस कर्मियों के भी बयान को सुनिश्चित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि छुïट्टी या अन्य दिक्कत आने पर संबंधित जिले व विभाग के अधिकारी से संपर्क कर बयान दर्ज कराएं जाएंगे। इससे देरी के चलते गवाहों के पक्षद्रोही होने पर भी अंकुश लगेगा।
बारह मामलों में सजा
एसएसपी ने बताया कि मॉनीटङ्क्षरग सेल के प्रभारी राजेश यादव व इंस्पेक्टर संतोष यादव की सक्रियता के चलते 12 मामलों में कोर्ट ने मुकदमों में फैसला सुनाया। जो काफी दिनों से गवाही के चलते लंबित थे। इसमें हत्या के पांच, दहेज हत्या का एक, गैर इरादतन हत्या का एक, गैंगेस्टर के दो, एनडीपीएस के दो व पॉक्सो में एक मामला है। सेल को दिसंबर तक 100 मामलों में गवाही पूरी कराने का टास्क दिया गया है। उन्होंने सेल के प्रभारी व इंस्पेक्टर को प्रशस्ति पत्र देने और सराहनीय सेवा के लिए सम्मानित करने के लिए डीजीपी को पत्र लिखने की बात कही है।