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जंगल में घुसते ही पकड़े जाएंगे लकड़ी की तस्करी करने वाले और शिकारी Kanpur News

आइआइटी ने विकसित की लेजर फेंसिंग की तकनीक ट्रायल सफल अब वन विभाग को सौंपे जाने की तैयारी।

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 02:10 PM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 09:55 AM (IST)
जंगल में घुसते ही पकड़े जाएंगे लकड़ी की तस्करी करने वाले और शिकारी Kanpur News
जंगल में घुसते ही पकड़े जाएंगे लकड़ी की तस्करी करने वाले और शिकारी Kanpur News

कानपुर, [जागरण स्पेशल]। जंगल में चोरी छिपे घुसकर लकडिय़ों की तस्करी व वन्य जीवों का शिकार करने वाले अब बच नहीं पाएंगे। आइआइटी ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व मशीन लर्निंग का उपयोग कर लेजर फेंसिंग की ऐसी तकनीक विकसित की है जो पूरे जंगल की निगरानी कर सकती है। दुधवा नेशनल पार्क में ट्रायल सफल होने के बाद जल्द ही इसे वन विभाग को सौंपे जाने की तैयारी है।

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बुधवार को वन विभाग के अधिकारियों ने आइआइटी की एयर स्ट्रिप पर इसका डेमो देखा। यह तकनीक उप निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. निश्चल वर्मा व पीएचडी स्कॉलर ने ईजाद की है। खास बात ये है कि इससे जंगल में घुसने वाली गाड़ी का नंबर, रफ्तार, शिकार एवं तस्करी करने वाले व्यक्ति को आसानी से ट्रेस किया जा सकता है। एक बार डाटा अपलोड होने पर यह हमेशा के लिए सुरक्षित हो जाता है।

ऐसे काम करेगी लेजर फेंसिंग

किसी भी वनक्षेत्र या जंगल की लेजर फेंसिंग की जाएगी। इसके संपर्क में आते ही कंट्रोल रूम में अलार्म बजेगा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से कैमरे उस जगह को कैप्चर करेंगे और लेजर फेंसिंग क्रॉस करने वाले जीव या शिकारी की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे।

सड़क पर वन्य जीव आते ही बजेगा अलार्म

घने जंगलों के बीच से जाते मुख्य मार्गों पर अचानक वन्य जीव आने से कई बार हादसा हो जाता है। लेजर फेंसिंग तकनीक से इस पर लगाम लगेगी। सड़क पर 30 से 50 फीट आगे वन्य जीव आने पर तुरंत अलार्म बन उठेगा, ताकि वाहन चालक सचेत हो जाए।

आसान होगी जंगल की निगरानी

प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक पवन कुमार को यह तकनीक खासी पसंद आई है। उन्होंने बताया कि लेजर फेंसिंग से जंगल की निगरानी आसान हो जाएगी। पेट्रोलिंग करके यह पता नहीं लगाया जा सकता कि वन क्षेत्र में कितने वृक्ष व जीव हैं, लेकिन यह तकनीक सटीक संख्या बताने में सक्षम हैं। इससे केंद्रीयकृत निगरानी हो सकेगी।

बैलून में लगे कैमरे ने दिखाया एक किमी का दायरा

आइआइटी के एयरस्ट्रिप पर लाइव डेमो के लिए 360 अंश पर घूमने वाले कैमरे को बड़े बैलून से जोड़ा गया। इसके जरिए डॉ. सुब्रमण्यम सडरेला ने वन विभाग के अधिकारियों के सामने एक किलोमीटर की लाइव मॉनीटरिंग की। इस दौरान पूर्व निदेशक दुधवा नेशनल पार्क व मुख्य वन संरक्षक रमेश पांडेय, मुख्य वन संरक्षक कानपुर ओपी सिंह, मुख्य वन संरक्षक लखनऊ विष्णु सिंह व निदेशक दुधवा नेशनल पार्क संजय पाठक मौजूद रहे। 


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