एक-एक सीट के लिए महिलाओं ने की जद्दोजहद
परिहवन निगम ने महिलाओं को निश्शुल्क यात्रा की सुविधा दी तो महिलाओं ने इसका खूब फायदा भी उठाया। हालांकि उन्हें इसके लिए कीमत भी चुकानी पड़ी।
जागरण संवाददाता, कानपुर : परिहवन निगम ने महिलाओं को निश्शुल्क यात्रा की सुविधा दी तो महिलाओं ने इसका खूब फायदा भी उठाया। हालांकि उन्हें इसके लिए कीमत भी चुकानी पड़ी। बच्चों को खिड़की से बसों में बिठाया तो उन्हें भी एक-एक सीट के लिए जिद्दोजहद करनी पड़ी और धक्का मुक्की का सफर करना पड़ा।
परिवहन निगम ने रक्षाबंधन के अवसर पर बुधवार की रात 12 बजे से गुरुवार की रात 12 बजे तक महिलाओं के लिए निश्शुल्क यात्रा की सुविधा दी थी। झकरकटी बस अड्डे पर बुधवार की रात 12 बजे से ही भीड़ बढ़ गई थीं। दिल्ली, बनारस, गोरखपुर, बरेली, इलाहाबाद, झांसी जाने वाली बसों में भीड़ अधिक थी। गुरुवार की दोपहर बस अड्डे पर फिर काफी भीड़ बढ़ गई। परिवहन विभाग के मुताबिक सभी 603 बसों को सड़क पर उतारा गया था हालांकि चालकों की कमी के चलते करीब 70 फीसद बसें हीं सड़क पर उतर सकी। दरअसल रीजन में करीब 11 सौ चालक हैं। ऐसे में नए नियम के तहत लंबी दूरी के लिए दो चालकों की आवश्यकता है। दो चालकों की जरूरत के चलते लंबी दूरी की बसें जैसे दिल्ली, बनारस, गोरखपुर समेत अन्य रूटों पर कई बसें नहीं भेजी गई।
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झकरकटी पर 1800 बसों का रहा आवागमन
झकरकटी बस अड्डे पर गुरुवार को पैर रखने की जगह नहीं थी। दरअसल यहां दूसरे जिलों से भी बड़ी संख्या में बसें आयीं। आम दिनों में यहां 1200 बसों का आवागमन होता है जबकि गुरुवार को यह संख्या 1800 तक पहुंच गई।
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दूसरे जिलों से बसो का आवागमन करीब 1800 तक पहुंच गया था जिससे भीड़ अधिक थी। हो सकता है भीड़ के चलते महिलाओं को कुछ परेशानी हुई हो लेकिन बसें पर्याप्त थीं। किसी तरह की कोई शिकायत नहीं आयी हैं।
-प्रियम श्रीवास्तव, एआरएम प्रभारी मेजर सलमान खान अंतर्राज्यीय बस अड्डा झकरकटी