महिला प्रधान आदर्श रेलवे स्टेशन की पहल तोड़ रही दम, गोविंदपुरी स्टेशन की जिम्मेदारी दी गई थी महिलाओं के हाथ
कानपुर में महिला प्रधान आर्दश रेलवे स्टेशन की पहल दम तोड़ रही है। इसमें गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन की जिम्मेदारी महिलाओं के हाथ दी गई थी। जिसमें अभी भी म ...और पढ़ें

कानपुर, जागरण संवाददाता। बीते वर्षों में गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन को महिला प्रधान आदर्श रेलवे स्टेशन (पिंक स्टेशन) के रूप में विकसित करने की पहल अनदेखी से दम तोड़ रही है। अभी तक यहां मूलभूत यात्री सुविधाओं का अभाव है। स्टेशन परिसर को कुछ ठीक किया गया, लेकिन ज्यादातर काम बाकी है।
इसीलिए टर्मिनल बनाने की सोच को भी पंख नहीं लग पा रहे हैं। इससे प्रतिदिन हजारों यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इस स्टेशन से बुंदेलखंड, कानपुर दक्षिण समेत आसपास जिलों के यात्री सफर करते हैं।
आठ मार्च 2018 को महिला दिवस पर स्टेशन की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपी गई थी। स्टेशन अधीक्षक, टीटीई, सुरक्षा और सफाई का जिम्मा महिला कर्मचारियों के हाथों में दे दिया गया था। हालांकि, टिकट काउंटर एक ही खुल रहा।
इससे अक्सर सुबह बांदा पैसेंजर और दूसरी ट्रेनों को पकड़ने वाले यात्रियों की ट्रेन कई बार टिकट के चक्कर में छूट जाती है। जल्दबाजी में यात्री बिना टिकट ही सफर करते हैं। इसे टर्मिनल स्टेशन बनाने के वादे और दावे धरातल पर कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।
धीमी गति से शुरू हुआ काम : सेंट्रल स्टेशन का लोड कम करने के लिए गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन को टर्मिनल बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। इस पर काम भी शुरू हुआ, लेकिन गति इतनी धीमी रही कि हालात नहीं बदल सके। रेलवे ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
टर्मिनल के लिए ये होनी चाहिए सुविधाएं : 24 कोच की ट्रेन खड़ी करने को उच्चीकृत व शेड से ढका प्लेटफार्म, फुट ओवरब्रिज, बुकिंग काउंटर, रिटायरिंग रूम, प्रतीक्षालय व प्रतीक्षालय हाल, लंबी दूरी की ट्रेनों को पानी देने का इंतजाम, धुलाई ट्रैक, पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था, हर प्लेटफार्म पर दो सुलभ शौचालय व यात्रियों के खानपान की व्यवस्था।
स्टेशन में 23 महिलाओं का स्टाफ
स्टेशन पर 23 महिलाओं का स्टाफ है। इसमें ग्रुप सी में 11, ग्रुप डी में आठ, आरपीएफ की चार सुरक्षाकर्मी स्टेशन की जिम्मेदारी संभालती हैं।
टर्मिनल बनने से ये फायदा
सेंट्रल स्टेशन से दो दर्जन ट्रेनों का बोझ कम हो जाएगा। प्रयागराज जाने वाली लंबी दूरी की करीब दो दर्जन ट्रेनें हैं, जिन्हें गोविंदपुरी के टर्मिनल बनने से सीधे चंदारी होते हुए आगे निकाला जा सकेगा।
गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन को विकसित करने के लिए काम चल रहा है। धीरे-धीरे बदलाव दिखने लगेंगे। वर्षा के कारण कुछ काम बाधित हुआ है। अब इसमें तेजी लाई जाएगी। महिला प्रधान रेलवे स्टेशन की पहल बेहतरी के साथ पूरी की जाएगी।- अमित सिंह, रेलवे जनसंपर्क अधिकारी प्रयागराज।

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