तंजीम उलेमा ए अहले सुन्नत की बैठक में नया निकाहनामा बनाने पर हुई चर्चा, महिलाओं को भी मिले एक तलाक देने का हक
एक साथ तीन तलाक शादियों में फिजूल खर्ची आदि मुद्दों पर शहरकाजी मौलाना मुश्ताक अहमद मुशाहिदी की अध्यक्षता में तंजीम उलेमा ए अहले सुन्नत की बैठक कर्नलगंज में हुई। इस दौरान एक साथ तीन तलाक पर विचार विमर्श किया गया। कहा गया कि इसे रोकने के लिए कदम उठाएं जाएंगे
कानपुर, जेएनएन। एक साथ तीन तलाक को रोकने के लिए कानून बन चुका है, उलमा भी इस पर अब पाबंदी लगाने की कोशिश कर रहे। इसके लिए नया निकाहनामा तैयार करने पर भी चर्चा शुरू हो चुकी है। इसमें सबसे बड़ी बात यह कि अब बीवी को भी एक तलाक का हक देने की बात कही जा रही जबकि शौहर के लिए दो तलाक का विकल्प रखे जाने का सुझाव है। शहर में उलमा और शहरकाजी की बैठक में बने प्रस्ताव पर बरेली शरीफ के काजी उल कुज्जात (चीफ काजी) सहित अन्य बड़े मदरसों के भी मुफ्तियों से संपर्क किया जा रहा है। वहां से गाइडलाइन आने के बाद इस मुद्दे पर आगे कदम बढ़ाए जाएंगे।
एक साथ तीन तलाक, शादियों में फिजूल खर्ची आदि मुद्दों पर शहरकाजी मौलाना मुश्ताक अहमद मुशाहिदी की अध्यक्षता में तंजीम उलेमा ए अहले सुन्नत की बैठक कर्नलगंज में हुई। इस दौरान एक साथ तीन तलाक पर विचार विमर्श किया गया। कहा गया कि इसे रोकने के लिए कदम उठाएं जाएंगे। बरेली शरीफ में काजी उल कुज्जात व मुबारकपुर सहित अन्य बड़े मदरसों से संपर्क कर जानकारी ली जाएगी कि क्या निकाह के वक्त लड़की की तरफ से यह शर्त रखी जा सकती है कि दो तलाक का हक लड़के को तथा एक तलाक का हक लड़की को दिया जाए। अगर ऐसा होता है तो शौहर एक साथ दो से ज्यादा तलाक नहीं दे सकेगा। तंजीम के जनरल सेक्रेटरी हाजी मोहम्मद सलीस ने बताया कि लड़की को एक तलाक का हक मिलने से उसके पास भी शौहर से अलग होने का रास्ता रहेगा। बैठक में नफीस अहमद नूरी, सय्यद मोहम्मद अतहर, सय्यद अयाज अहमद, हाफिज अबरार अहमद, हाफिज तल्हा आदि रहे।