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कानपुर में पति को गलत तरीके से लोन देने वाली बैंक मैनेजर बर्खास्त

यूनाइटेड मर्केंटाइल कोआपरेटिव बैंक की शाखा प्रबंधक ने पति को अस्पताल के लिए गलत तरीके से 30 लाख रुपये का ऋण मुहैया कराया था, जो जमा नहीं किया गया, दस लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 27 Feb 2018 11:17 AM (IST)Updated: Tue, 27 Feb 2018 11:54 AM (IST)
कानपुर में पति को गलत तरीके से लोन देने वाली बैंक मैनेजर बर्खास्त
कानपुर में पति को गलत तरीके से लोन देने वाली बैंक मैनेजर बर्खास्त

कानपुर (जेएनएन)। देश के साथ ही प्रदेश में बैंकों की लापरवाही दिन पर दिन सामने आती ही जा रही है। कानपुर में भारतीय रिजर्व बैंक के पर्यवेक्षणीय निर्देशों के कार्यरत यूनाइटेड मर्केंटाइल कोआपरेटिव बैंक ने गबन करने वाली शाखा प्रबंधक रीता श्रीवास्तव और एक कैशियर विनोद शुक्ल को बर्खास्त कर दिया।

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यूनाइटेड मर्केंटाइल कोआपरेटिव बैंक की शाखा प्रबंधक ने अपने पति को अस्पताल के लिए गलत तरीके से 30 लाख रुपये का ऋण मुहैया कराया था, जो जमा नहीं किया गया और दस लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी, वहीं बर्रा शाखा में तैनात कैशियर ने काउंटर पर खाताधारकों से रकम लेकर उनकी पासबुक में इंट्री तो की लेकिन, बैंक के लेजर और ग्राहकों के खाते में दर्ज ही नहीं की।

यूनाइटेड मर्केंटाइल कोआपरेटिव बैंक की शारदा नगर शाखा में 2000 से वर्ष 2009 तक शाखा प्रबंधक के रूप में रीता श्रीवास्तव तैनात रहीं। उन पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने पति को गलत तरीके से लाखों रुपये के ऋण जारी कर दिए। ऋण वसूले नहीं जा सके और एनपीए हो गए। जांच में पाया गया कि मैनेजर ने अपने पति को तीस लाख रुपये का लोन दिया था, वह भी गलत तरीके से। इसी दौरान जांच में दस लाख रुपये के गबन की भी जानकारी मिली। इसे लेकर बैंक ने रीता श्रीवास्तव को चार्जशीट दी थी। इसके बाद बर्खास्तगी का नोटिस दिया था लेकिन, कोई जवाब नहीं दिया गया। बैंक के सचिव ने बताया कि गबन के मामले में रीता श्रीवास्तव कोर्ट में गई जहां 8.52 लाख रुपये की धनराशि बैंक के पक्ष में जमा कराई गई वहीं बैंक ने उनकी ग्रे'युटी और पीएफ भी आहरित कर लिया है जो करीब दस लाख रुपये है। अभी करीब 22 लाख रुपये की रिकवरी की जानी बाकी है।

'दैनिक जागरण' ने किया था पर्दाफाश

बैंक की बर्रा शाखा में तैनात कैशियर विनोद शुक्ल ने शाखा में तैनाती के दौरान करीब साढ़े तीन लाख रुपये का गबन किया था। 'दैनिक जागरण' ने इस मामले का पर्दाफाश किया था। विनोद शुक्ल ने काउंटर पर खाताधारकों से लिए पैसे उनके खाते में तो चढ़ाए लेकिन, उसे बैंक के लेजर में दर्ज नहीं किया। यह मामला करीब डेढ़ वर्ष चला। बीते वर्ष नवंबर माह में एक ग्राहक अपनी रकम निकालने आया तो मामले का पता चला। ऐसे करीब एक दर्जन खाताधारकों ने तब सवा लाख रुपये के गबन की शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर बैंक ने जांच बैठाई और जांच के दौरान करीब साढ़े तीन लाख रुपये गबन का मामला आया। बैंक ने चार्जशीट लगाई थी। 2& फरवरी को बैंक ने विनोद शुक्ल को बर्खास्त कर दिया। विनोद से करीब साढ़े तीन लाख रुपये की वसूली हो गई है।

गलत तरीके से लोन देने के साथ गबन किया

सचिव यूनाइटेड मर्केंटाइल कोआपरेटिव बैंक, वीरेश श्रीवास्तव ने कहा कि मैनेजर रीता श्रीवास्तव ने अपने पति को गलत तरीके से लोन दिया और गबन भी किया था। विनोद शुक्ल ने भी गबन किया। दोनों को बर्खास्त कर दिया गया है। 


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