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हवा को साफ करेगा विंडरोज प्लांटेशन, लखनऊ-कानपुर समेत 15 शहरों में लागू होगी स्कीम Kanpur News

वायु में हानिकारक गैसों और दूषित कणों को सोखने का काम पेड़ों के परदे करेंगे।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 25 Aug 2019 05:21 PM (IST)Updated: Mon, 26 Aug 2019 10:09 AM (IST)
हवा को साफ करेगा विंडरोज प्लांटेशन, लखनऊ-कानपुर समेत 15 शहरों में लागू होगी स्कीम Kanpur News
हवा को साफ करेगा विंडरोज प्लांटेशन, लखनऊ-कानपुर समेत 15 शहरों में लागू होगी स्कीम Kanpur News

कानपुर, [शशांक शेखर भारद्वाज]। शहर की दूषित हवा को साफ करने के लिए एक बार फिर कवायद शुरू कर दी गई है। इस बार पेड़ों के ऐसे 'परदे' बनाने की तैयारी है, जो हानिकारक गैसों और दूषित कणों को सोख लेंगे। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) वन विभाग के साथ मिलकर 'विंडरोज प्लांटेशन स्कीमÓ लागू करने जा रहा है।

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गूगल अर्थ और हवा की मैपिंग से बनेगा डायग्राम

इस स्कीम के तहत पिछले 30 साल की हवा के आधार पर डायग्राम (आरेख) तैयार किया जाएगा। गूगल अर्थ और हवा की मैपिंग की सहायता से तैयार इस डायग्राम के आधार पर खास तरह के पेड़ों की पूरी शृंखला लगाई जाएगी, जो कि हवा के दूषित कणों और हानिकारक गैसों को रोकने में सहायक होगी। बोर्ड मुख्यालय के अधिकारियों का मानना है कि वायु प्रदूषण घटाने की दिशा में यह कदम बेहद कारगर होगा। इन पेड़ों से तापमान की स्थिति भी सुधरेगी।

क्या है विंडरोज प्लांटेशन स्कीम

सामान्य तौर पर हवा का पूर्व से पश्चिम और पश्चिम से पूर्व दिशा में बहाव होता है। यह एक निश्चित दिशा और क्षेत्र के हिसाब से बहती है, जिसका रूट 30 साल के डायग्राम से हो पता लग सकता है। हवा में हानिकारक गैसों के साथ ही पर्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5 और पीएम 10) होते हैं। पीएम एक और नैनो पार्टिकल्स की मात्रा भी काफी अधिक होती है। 'विंडरोज प्लांटेशन स्कीम' में पेड़ों की ऐसी सीरीज तैयार की जाएगी, जो कि 'जिग जैग' आधारित होगी। बड़े पत्तों वाले ये पेड़ घने होंगे, जिनकी औसतन ऊंचाई 25 से 30 फीट होगी।

पहले लखनऊ फिर कानपुर का नंबर

यह स्कीम प्रदेश के 15 अति दूषित शहरों में लागू की जाएगी। इसमें कानपुर के अलावा लखनऊ, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद, नोएडा, खुर्जा, फिरोजाबाद, अनपरा, गजरौला, झांसी, मुरादाबाद, रायबरेली और बरेली शामिल हैं। सबसे पहले लखनऊ में इसे लागू किया जा रहा है। इसके बाद कानपुर का नंबर आएगा। बोर्ड की ओर से एयर क्वालिटी की मैपिंग की जाएगी। एक-एक किलोमीटर की दूरी पर हाई वाल्यूम एयर सैंपलर लगाए जाएंगे, जिससे प्रदूषण के घनत्व का पता चल जाएगा।


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