चार लाख जमा कर दो वरना छह की छह गोली उतार दूंगा तुम्हारे, कानपुर के थोक दवा व्यापारी को फोन पर मिल रही धमकियां
कानपुर के बिरहाना रोड के थोक दवा व्यापारी ने फोन पर जान से मारने की धमकियां मिलने पर साथी व्यापारियों के साथ पुलिस आयुक्त से मिलकर पूरा घटनाक्रम बताया और लिखित शिकायत भी करके कार्यवाई की मांग की है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। बिरहाना रोड स्थित एसआर मेडिसेफ के मालिक राजेश गुप्ता को अज्ञात व्यक्ति ने दो दिन पहले फोन नंबर पर बदल-बदलकर भूपेंद्र सिंह नामक व्यक्ति के चार लाख रुपये दो निजी बैंक में जमा करने के लिए कहा।
धमकाते, अभद्रता एवं गाली-गलौच करते हुए कहा कि अगर पैसे जमा नहीं किए तो छह की छह गोलियां उतार देेंगे। ऐसी घटना से दहशत में आए व्यापारी ने दि दवा व्यापार मंडल के पदाधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी।
सोमवार को अध्यक्ष राजेंद्र सैनी एवं महामंत्री नंद किशोर फुटकर व्यापार दवा व्यापार के चेयरमैन संजय मेहरोत्रा के साथ पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड से मिले और पूरी घटना बताई।
बिरहाना रोड स्थित एसआर मेडिसेफ के मालिक राजेश गुप्ता को अज्ञात व्यक्ति ने 26 नवंबर को मोबाइल नंबर 9118651102, 9354617454, 8130852620 और 8882421573 के माध्यम से सुबह 11 बजे से लेकर शाम को छह बजे तक लगातार फोन किए गए। इस दौरान फोन करने वाले अज्ञात व्यक्ति ने उनसे अभद्रता, धमकी और गोली मारने की बात कही।
फोन करने वाला व्यक्ति भूपेंद्र सिंह के चार लाख रुपये दो निजी बैंक में जमा कराने के लिए कह रहा था। लगातार फोन आने से घबराकर राजेश गुप्ता ने उसी दिन फोन आने पर व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र सैनी से बात की। उन्होंने फोन करने वाले को समझाने का प्रयास किया तो उनसे भी अभद्रता और गाली-गलौज पर उतर आया।उन्हें गोली मारने की धमकी भी दी है।
इसे गंभीरता से लेते हुए दि फुटकर दवा व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के बीच चर्चा की गई।उसके बाद सोमवार को दि व्यापार मंडल का प्रतिनिधिमंडल पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड से मिला। उन्हें लिखित पत्र देकर कार्रवाई की मांग की।
बिना अनुमति बैंक ने बनाया गारंटर
राजेश गुप्ता कई फार्मा कंपनियों की दवाओं का थोक कारोबार करते हैं। फोन करने वाले ने भूपेंद्र सिंह का नाम लिया तो उन्होंने पता कराया। तब पता चला कि भूपेंद्र टोरेंट कंपनी में एमआर है। उसने लोन लिया है, जिसमें बिना अनुमति के उनका नाम डाल दिया। उनका कहना है कि बैंक ने बिना सत्यापन और अनुमति के ही उन्हें लोन का गारंटर बना दिया।