Weather forecast Kanpur : बेहाल कर रही तपिश, मौसम विज्ञानियों ने दक्षिण-पश्चिम मानसून आगे बढऩे की जतायी संभावना
कानपुर समेत बुंदेलखंड और आसपास के जिलों में गर्मी रिकार्ड तोड़ रही है। बांदा में पारा 49 डिग्री तक पहुंच गया तो कानपुर में भी 46.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। शहर में गर्मी का मई माह में 12 साल का रिकार्ड टूट गया।
कानपुर, जागरण संवाददाता। आसमान से लगातार बरस रही आग ने लोगों को घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया है, वहीं मानसूनी गतिविधियों की भी शुरुआत हो गई है। अब दक्षिण पश्चिम मानसून के आगे बढऩे की संभावनाएं तेज हो गई हैं। मौसम विज्ञानियों की मानें तो गर्मी का असर देखते हुए मानसून अब आगे बढऩा शुरू होगा। वहीं दूसरी ओर शहर में रोजाना पारा नया रिकार्ड बना रहा है। रविवार को मई माह में तापमान का 12 साल का रिकार्ड टूटा तो सोमवार सुबह से ही दोहपर जैसी तपिश ने लोगों को बेहाल किया। बाजारों में सन्नाटा है और हमेशा गुलजार रहने वाले पार्क और पिकनिक स्पाट भी खाली पड़े हैं।
दो दिन से पड़ रही भीषण गर्मी से लोगों को किसी तरह की राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। चिलचिलाती धूप के साथ लू के थपेड़ों से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद पिकनिक स्पाट के रूप में दोपहर से ही गुलजार रहने वाला गंगा बैराज और मोतीझील शाम को भी शांत सा नजर आया यहां पर लोगों की भीड़ नजर नहीं आई। वहीं रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर भी यात्री दुबके रहे और किसी पेड़ या बस की छांव को तलाशते नजर आई। जहां महिलाएं अपने बच्चों को आंचल से ढकी दिखी वहीं बुजुर्ग और युवक गमछे से सिर का बचाव करते नजर आए। प्यास बुझाने के लिए यात्री पना, शिकंजी और कोल्ड ड्रिंक ढूढ़ते नजर आए।
सीएसए के मौसम विज्ञानियों के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून दक्षिण अंडमान सागर, निकोबार द्वीप समूह और उससे सटे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में आगे बढ़ गया है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र तटीय आंध्र प्रदेश और आसपास के क्षेत्र पर बना हुआ है। एक टर्फ रेखा बिहार से असम और मेघालय तक उप हिमालयी बंगाल होते हुए गुजर रही है।
हवा में घटी नमी, धूल कण बढ़े : उत्तर पश्चिमी हवा में नमी की मात्रा धीरे-धीरे कम होती जा रही है। अधिकतम आर्द्रता 66 प्रतिशत और न्यूनतम 14 प्रतिशत रही। इसके चलते वायुमंडल में धूल कणों पीएम 2.5 (2.5 माइक्रोमीटर से छोटे पर्टिकुलेट मैटर) की मात्रा भी ज्यादा रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक नेहरू नगर मानीटरिंग स्टेशन के आसपास एक्यूआइ (वायु गुणवत्ता सूचकांक) मानक 60 पीएम से करीब तीन गुणा ज्यादा 171 रहा।