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Weather Update Kanpur: शाम तक हो सकती हल्की बारिश, मौसम में बदलाव के आसार

कानपुर शहर में मौसम में बदलाव देखने काे मिल रहा है सुबह से तेज धूप निकलने के बाद बादलों ने सूरज को ढका तो राहत का अहसास बना हुआ है। मौसम विभाग ने इस बार मानसून के देरी से लौटने की वजह से मौसम परिवर्तन के आसार जताए हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 12:55 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 12:55 PM (IST)
Weather Update Kanpur: शाम तक हो सकती हल्की बारिश, मौसम में बदलाव के आसार
कानपुर में पल पल बदल रहा मौसम का मिजाज।

कानपुर, जेएनएन। आमतौर पर मानसून 20 सितंबर तक लौट जाता रहा और हल्की ठंड की शुरुआत भी हो जाती रही है। लेकिन, इस बार गर्मी और चटक धूप के साथ उमस लोगों को सता रही, इसका कारण मानसून के लौटने में देरी है। इससे मौसम में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। सीएसए के मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून की वापसी सितंबर के अंत तक होने की उम्मीद है और अक्टूबर के पहले हफ्ते तक बारिश होने के बाद गुलाबी ठंड की शुरुआत हो सकती है। इसके बाद मौसम पूरी तरह बदल जाएगा और दिन के तापमान में भी गिरावट आएगी।

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बुधवार को आसमान में बादल छाए रहने के साथ छिटपुट बूंदाबांदी से मौसम सुहाना हो गया था। दूसरे दिन गुरुवार सुबह धूप निकली लेकिन सूरज को बादल ढकते रहे। बीच-बीच में बदली छाने से आमजन व राहगीरों को गर्मी से मामूली राहत भी मिली। सीएसए के मौसम विभाग में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से करीब डेढ़ डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। सीएसए के मौसम वैज्ञानिक डा.एसएन सुनील पांडेय ने कहा कि अब शाम तक बारिश होने की पूरी संभावना है।

20 मिमी से अधिक बारिश की संभावना : सीएसए के मौसम वैज्ञानिक डा.एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि हवाओं का क्षेत्रीय चक्रवात विकसित होने के चलते 24 से 26 सितंबर तक 20 मिमी से अधिक बारिश होगी। ऐसे में आमजन को जहां सतर्क रहना होगा, वहीं किसानों को अपने खेतों में पानी नहीं भरने देना है। अगर पानी भरा रह गया तो फसल खराब हो सकती है।

अब तक हो चुकी 800 मिमी बारिश : सीएसए के मौसम विभाग में इस सीजन में बारिश संबंधी जो आंकड़े दर्ज किए गए हैं, उनके मुताबिक अब तक लगभग 800 मिमी. बारिश हो चुकी है। जबकि सामान्य तौर पर भी मानसून में 750 से 800 मिमी. बारिश हर साल शहर में होती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है, अगर अक्टूबर के पहले हफ्ते तक बारिश होगी तो यह कुछ फसलों के लिए जहां मुफीद साबित होगी, वहीं तमाम फसलों को नुकसान भी हो सकता है।


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