Weather Forecast Kanpur: पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश होने के बन रहे आसार
Weather Kanpur Latest News पश्चिमी विक्षोभ हुआ सक्रिय तीन से चार दिन में उत्तर भारत में पहुंचने की उम्मीद। हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों का घनत्व दीपावली तक कम हो सकता। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में उतार चढ़ाव कम हो गया। शाम की सर्दी में कुछ कमी आई।
कानपुर, जेएनएन। कानपुर समेत प्रदेश के अति वायु प्रदूषित जिलों के लिए यह राहत भरी खबर हो सकती है। भूमध्य सागर से पश्चिमी विक्षोभ फिर से सक्रिय हुआ है, जिसके तीन से चार दिन तक भारत के उत्तरी क्षेत्रों तक पहुंचने की उम्मीद है। इसकी वजह से जहां पहाड़ों पर बर्फ गिर सकती है, वहीं मैदानी क्षेत्रों में बारिश के आसार है। ऐसे में हवा में मौजूदा धूल, धुआं और सूक्ष्म कणों का बढ़ा हुआ कम हो सकता है। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिकों ने दीपावली के आसपास वर्षा का अनुमान लगाया है।
अधिकतम और न्यूनतम तापमान होने से उतार-चढ़ाव रुका
बंगाल की खाड़ी में निम्न वायुदाब का क्षेत्र बनने से पूर्वी नम हवा मैदानी क्षेत्रों की ओर आने लगी है, जिसने पश्चिमी शुष्क हवा का रास्ता रोक लिया। वायुमंडल में प्रदूषित कण और हानिकारक गैसों का घनत्व और बढऩे लगा। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में उतार चढ़ाव कम हो गया। शाम की सर्दी में कुछ कमी आई।
कुछ यूं रहा मौसम का मिजाज
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को अधिकतम तापमान 28.0 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.0 डिग्री कम था। वहीं न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.0 डिग्री कम था। सापेक्षिक आद्र्रता अधिकतम 95 प्रतिशत और न्यूनतम 42 फीसद रहा। दक्षिण पूर्व दिशा में 1.1 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से सर्द हवाएं चलती रहीं। पूर्वानुमान है कि इस सप्ताह मध्य उत्तर प्रदेश के व्लाक एवं जिला स्तर पर आसमान साफ रहेगा।
इनका ये है कहना
मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि भूमध्य सागर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है। यह ईरान, इराक, अफगानिस्तान, पाकिस्तान से होता हुआ भारत तक तीन से चार दिन में पहुंच सकता है। इसकी वजह से जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में बर्फबारी हो सकती है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में हल्की वर्षा की संभावना बन रही है। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से सॢदयों में बारिश होती है। दीपावली के समय पटाखों और आतिशबाजी से प्रदूषण का स्तर और अधिक हो जाता है। वर्षा से इसमें कमी आएगी।