Kanpur Weather Forecast: अगले चार दिनों में भारी बारिश और बिजली गिरने के आसार, आसपास जिलों में अलर्ट
Kanpur Weather News चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने उन्नाव कानपुर कानपुर देहात फतेहपुर हरदोई के किसानों को अलर्ट किया है।
कानपुर, जेएनएन। कानपुर के कई हिस्सों में शनिवार की सुबह झमाझम बारिश से मौसम कुछ खुशनुमा हुआ लेकिन गर्मी और उमस से राहत नहीं मिली, जबकि हवा सामान्य से तेज चली। मौसम विभाग की मानें तो रविवार से 22 जुलाई तक जोरदार बारिश और बिजली गिरने की संभावना बन रही है। इसके लिए कानपुर समेत आसपास जिलों में किसानों को अलर्ट जारी किया गया है और बचाव की जानकारी दी है।
प्रदेश में वज्रपात की कई घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें जान और माल का नुकसान हुआ है। कानपुर शहर में शनिवार की सुबह 11.30 बजे तेज वर्षा हुई, जो दोपहर एक बजे तक जारी रही। कल्याणपुर, रावतपुर, नवाबगंज, इंद्रा नगर, पनकी आदि क्षेत्रों में सड़कों पर पानी भर गया। वहीं सिविल लाइंस, बर्रा, नौबस्ता में सिर्फ बूंदाबांदी हुई, बिठूर, चौबेपुर, शिवराजपुर की ओर भी बारिश का असर रहा।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विभाग ने 25 मिलीमीटर तक वर्षा का आकलन किया है। अधिकतम तापमान 36.0 और न्यूनतम 28.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। उत्तर पूर्वी दिशा में हवा 5.8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली। मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन पांडेय ने बताया कि वज्रपात से सोनभद्र, मिर्जापुर, ललितपुर, फतेहपुर, प्रयागराज, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, कानपुर आदि जिले प्रभावित हैं, किसानों को एहतियात बरतना पड़ेगा।
देशभर में बना मानसूनी सिस्टम
-मानसून की अक्षीय रेखा इस समय अजमेर, अमरिया, अंबिकापुर, जमशेदपुर और दिघा होते हुए बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्सों तक बनी हुई है।
-मध्य प्रदेश के मध्य भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित है।
-महाराष्ट्र के दक्षिणी कोंकण गोवा क्षेत्र से केरल के तटीय भागों तक ट्रफ बना है।
-दक्षिणी गुजरात और इससे सटे भागों पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित है।
यहां जमकर होगी बारिश : कानपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, मैनपुरी, कन्नौज, कुशीनगर, हरदोई, सीतापुर, फर्रुखाबाद, शहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, बरेली, रामपुर, मेरठ आदि शहरों में भारी बारिश के आसार बन रहे हैं।
किसान क्या करें क्या न करें
- बिजली चमकने पर पक्के मकान में शरण लें।
- यात्रा के दौरान वाहनों में ही रहें।
- पेड़, तालाब, जलाशयों से दूरी रखें।
- समूह के रूप में एकत्रित न हों।
- जंगल या बगीचे में हैं तो घने पेड़ों से दूर रहें।
- बिजली और टेलीफोन के खंभे के पास न खड़े हों।
- पैरों के नीचे लकड़ी, प्लास्टिक का बोरा रखें।
- बिजली के स्विच ऑफ कर दें।
- बिजली के उपकरणों को न छुएं।
फसलों के लिए क्या करें क्या न करें
- खड़ी फसलों में पानी की निकासी का उपाय करें।
- निराई गुड़ाई कर खेतों से खरपतवार निकालें।
- मक्के की फसल में अधिक पानी न लगाएं।
- गन्ने की फसल में खरपतवार को नियंत्रित करें।
- सब्जियों की बुआई मेड़ बनाकर करें।
- मूंगफली की बुलाई 20 से 22 दिन बाद ही करें।
- धान की रोपाई शीघ्र से शीघ्र पूरी की जाए।