हम लोगों को आदत पड़ चुकी है कूड़े और सीवर के बीच रहने की... ये दर्द है इन बस्ती वालों का
तलाक महल कायस्थाना रोड यतीमखाना में सीवर जान की समस्या से लोगों को आये दिन जूझना पड़ रहा है। यहां गंदा बदबूदार पानी भरने से लोगों का निकलना मुश्किल होता है। वहीं कर्नलगंज लकड़मंडी वाली सड़क पर कूड़े के ढ़ेर और सढ़ांध की वजह से लोग परेशान हैं।
कानपुर, जेएनएन। घनी आबादी वाले इलाकों में गंदगी के अंबार लोगों के लिए मुसीबत बन चुके हैं। कहीं सीवर का गंदा व बदबूदार पानी भरा रहता है तो कहीं सड़क पर ही कूड़े के ढेर लगे रहत हैं। कोरोना कफ्र्यू के दौरान जनसमस्याओं से लोगों की परेशानी बनी हुई है। शिकायत के बाद निस्तारण न होने पर बस्ती वालों कहते हैं कि नहीं अब हम लोगों को गंदगी और सीवर भराव के बीच रहने की आदत बन चुकी है।
तलाक महल, कायस्थाना रोड, यतीमखाना में सीवर जान की समस्या से लोगों को आये दिन जूझना पड़ रहा है। यहां गंदा बदबूदार पानी भरने से लोगों का निकलना मुश्किल होता है। वहीं कर्नलगंज लकड़मंडी वाली सड़क पर कूड़े के ढ़ेर और सढ़ांध की वजह से लोग परेशान हैं। यहां बने कूड़े घर को हटवाने अथवा इसे कवर कराने तथा वक्त पर कूड़ा उठाने के लिए क्षेत्रीय लोगों ने कई बार प्रयास किए। पार्षद, विधायक से लेकर नगर निगम अधिकारियों से भी शिकायत की, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। कर्नलगंज लकड़मंडी में जीजीआईसी स्कूल की दीवार से मिला हुआ कूड़ाघर है।
आसपास के क्षेत्रों का कूड़ा यहीं आकर एकत्र होता है. कूड़े को कूड़ाघर कि बजाय सफाई कर्मी सड़क पर ही डाल जाते हैं। सड़क पर लगे कूड़े के अंबार से पूरी सड़क ढकी रहती है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि गंदगी व सड़ांध की वजह से लोग परेशान हैं। इसी रास्ते पर जनाजे वाली मस्जिद है। यहां जनाजे लेकर लोग जनाजे की नमाज के लिए आते हैं। इसके बाद कब्रिस्तान जाते हैं। उनको कूड़े के ऊपर से ही जाना पड़ता है। लोगों ने बताया कि कूड़ा घर हटवाने तथा गंदगी दूर कराने के लिए नगर निगम को कई बार पत्र लिखे गए है। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।