लीकेज के चलते लोअर गंगा कैनाल का हलक सूखा, कानपुर के तीन लाख की आबादी परेशान
लोअर गंगा कैनाल में पाइप पडऩे के कारण अक्सर लोअर गंगा कैनाल से जलापूर्ति बंद रहती है। जलकल विभाग का भैरोघाट पंपिंग स्टेशन के बाद सबसे बड़ा स्रोत जलापूर्ति का है। लोअर गंगा कैनाल से कच्चा पानी लेकर जलकल मुख्यालय ट्रीट करके भेजा जाता है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। नहर में पानी होने के बाद भी लीकेज के चलते लोअर गंगा कैनाल से रोज होने वाली पांच करोड़ लीटर जलापूर्ति बंद है। इसके चलते करीब तीन लाख जनता को लो प्रेशर से जलापूर्ति हो पा रही है। जलकल भैरोघाट पंपिगं स्टेशन से कच्चा पानी लेकर लोअर कैनाल से जुड़े इलाकों में जलापूर्ति कर रहा है। लोगों को पीने का पानी ऊपरी मंजिल में नहीं पहुंच पा रहा है। इसके लिए मोटर लगा रखी है। सबमर्सिबल पंप से पानी भरने को मजबूर है।
लोअर गंगा कैनाल में पाइप पडऩे के कारण अक्सर लोअर गंगा कैनाल से जलापूर्ति बंद रहती है। जलकल विभाग का भैरोघाट पंपिंग स्टेशन के बाद सबसे बड़ा स्रोत जलापूर्ति का है। लोअर गंगा कैनाल से कच्चा पानी लेकर जलकल मुख्यालय ट्रीट करके भेजा जाता है। पांच करोड़ लीटर पानी ट्रीट करके प्रेमनगर, बेनाझाबर, परेड, चमनगंज, कौशलपुरी दर्शनपुरवा, परमट, अशोक नगर, बेनाझाबर, परमट, ग्वालटोली सूटरगंज, गांधीनगर, कर्नलगंज, कंधीमोहाल, बेकनगंज, जवाहर नगर, रामबाग, आरके नगर, नेहरू नगर समेत करीब तीन दर्जन से ज्यादा इलाकों में भैरोघाट पंपिंग स्टेशन से आने वाला पानी मिलाकर जलापूर्ति की जाती है। इससे प्रेशर से इन इलाकों में पानी जाता है। प्रेशर से पानी जाने के कारण ऊपर मंजिलों में पहुंचता है। जलापूर्ति बंद होने के कारण इलाकों में लो प्रेशर से पानी पहुंच रहा है। अवर अभियंता रवि प्रकाश ने बताया कि लीकेज के कारण लोअर गंगा कैनाल से जलापूर्ति रूकी है। इसको ठीक कराया जा रहा है।
बैराज से भैरोघाट तक नहीं पड़ी पाइप लाइन
गर्मी में गंगा में पानी कम होने के कारण भैरोघाट पंपिंग स्टेशन से रोज बीस करोड़ लीटर कच्चा पानी खींचने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ती है। हर बार 40 लाख से ज्यादा धन अस्थाई बंधा बनाने में खर्च हो जाता है। इसको देखते हुए बैराज से भैरोधाट पंपिंग स्टेशन तक पाइप डालकर सीधे बैराज से गंगा का पानी भेजने की व्यवस्था की जा रही है। लेकिन पिछले तीन साल से पाइप पड़ रहा है। रानीघाट के पास बस्ती होने के कारण पाइप का कार्य रूका पड़ा है। ट्रंच लैंस से पाइप डाला जाना है, लेकिन अभी तक लटका हुआ है। इसके पडऩे से बैराज से बीस करोड़ लीटर रोज पानी मिलने लगेगा। साथ ही जरूरत पडऩे पर पंपिंग स्टेशन से भी पानी खींचा जा सकेगा।इससे गर्मी में पानी की किल्लत नहीं रहेगी।