सीईटीपी संचालन के लिए चार गुना शुल्क नहीं देंगे टेनरी मालिक
टेनरी मालिकों ने 36 एमएलडी कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के संचालन के लिए खालों की धुलाई का चार गुना शुल्क देने से मना कर दिया है। इस इन्कार के कारण मंगलवार को जल निगम के अफसरों और टेनरी मालिकों के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही।
जागरण संवाददाता, कानपुर :
टेनरी मालिकों ने 36 एमएलडी कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के संचालन के लिए खालों की धुलाई का चार गुना शुल्क देने से मना कर दिया है। इस इन्कार के कारण मंगलवार को जल निगम के अफसरों और टेनरी मालिकों के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही। अब मामला जिलाधिकारी के समक्ष रखा जाएगा।
सीईटीपी के संचालन का रखरखाव के लिए टेनरी व नगर निगम पचास-पचास फीसद धनराशि देते हैं। टेनरी वालों से अभी तक प्रति हाइड 5.62 रुपये लिया जाता था। जून 2018 से जल निगम ने रखरखाव के लिए चार गुना दरें बढ़ा दी हैं। अब प्रति हाइड के हिसाब से 21.20 रुपये शुल्क तय किया है। इसके तहत बिल भी भेजने शुरू कर दिए हैं। कुछ टेनरी वालों ने बढ़ी रकम दी, लेकिन कई ने देने से मना कर दिया। इस संबध में जल निगम के महाप्रबंधक आरके अग्रवाल की टेनरी मालिकों के साथ बैठक हुई। टेनरी वालों ने कहा कि वे दस फीसद तक बढ़ी रकम देने को तैयार हैं। हालांकि टेनरी मालिकों के बीच में भी रकम को लेकर मतभेद थे। दरें तय न हो पाने के चलते बैठक बेनतीजा रही। जल निगम ने भी साफ कहा कि वह इतनी कम रकम में सीईटीपी का संचालन नहीं कर पाएगा। जल निगम के महाप्रबंधक ने बताया कि जिलाधिकारी के समक्ष मामला रखेंगे। जून माह में बढ़ी रकम का 58 लाख रुपये का बिल भेजा था तो बीस लाख रुपये जमा हुए थे। सिंतबर में केवल छह लाख रुपये जमा हुए हैं। बकाया रकम वसूली जाएगी।
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टेनरी होगी बंद
मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने पिछले दिनों सीईटीपी के संचालन को लेकर टेनरी मालिकों की बैठक ली थी। बैठक में उन्होंने टेनरी वालों से साफ कहा था कि सीईटीपी के संचालन का बकाया धन जमा कर दें, वरना टेनरी का ट्रीटमेंट प्लांट का कनेक्शन काट दिया जाएगा।