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Deaths Due to COVID-19: अस्पतालों में भटके और नहीं मिली ऑक्सीजन, ख्याति प्राप्त गजलकार की हुई मौत

गोविंदनगर सी-ब्लॉक निवासी प्रखर ने बताया कि अपनी मां प्रतिभा निगम के साथ मंगलवार रात को अपने 68 वर्षीय पिता को भर्ती कराने के लिए शहर के कई निजी अस्पतालों में गए। वहां जाकर हाथ-पैर भी जोड़े लेकिन किसी भी अस्पताल प्रशासन का दिल नहीं पसीजा।

By Akash DwivediEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 10:02 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 10:02 PM (IST)
Deaths Due to COVID-19: अस्पतालों में भटके और नहीं मिली ऑक्सीजन, ख्याति प्राप्त गजलकार की हुई मौत
गजलकार रामकृष्ण प्रेमी की फाइल फोटो। स्वजन

कानपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमितों को भर्ती करने को लेकर अस्पतालों के हाथ खड़ा करने से हालात बिगड़ रहे हैं। अब तक कई लोग मौत के आगोश में जा चुके हैं। ख्याति प्राप्त गजलकार रामकृष्ण 'प्रेमीÓ भी मंगलवार रात को कुछ ऐसी ही अव्यवस्था की भेंट चढ़ गए। उनके बेटे प्रखर निगम ने बताया कि पिता को लेकर एक से दूसरे अस्पताल दौड़ते रहे, लेकिन उन्हें कहीं पर भी इलाज नहीं मिला। अगर उनको समय पर आक्सीजन मिल जाती तो शायद वो जिंदा होते।

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गोविंदनगर सी-ब्लॉक निवासी प्रखर ने बताया कि अपनी मां प्रतिभा निगम के साथ मंगलवार रात को अपने 68 वर्षीय पिता को भर्ती कराने के लिए शहर के कई निजी अस्पतालों में गए। वहां जाकर हाथ-पैर भी जोड़े, लेकिन किसी भी अस्पताल प्रशासन का दिल नहीं पसीजा। पिता की तबीयत करीब 10 दिन से खराब थी। एक निजी डॉक्टर की देखरेख में इलाज करा रहे थे। जांच में डबल निमोनिया और फेफड़ों में संक्रमण निकला था। मंगलवार को हालत और बिगड़ी तो ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। रात में उन्हें भर्ती कराने के लिए कई जगह चक्कर काटे पर बात नहीं बनी। उल्लेखनीय है कि आइटीआइ लालबंगला के प्रधानाचार्य और एक डिग्री कॉलेज के प्रोफेसर की भी ऐसे ही मौत हो चुकी है।

वो मुझसे खूब प्यार करते हैं... : वो मुझसे खूब प्यार करते हैं, जान मुझपे निसार करते हैं, बात मिलने की टाल जाते हैं, और बातें हजार करते हैं... रामकृष्ण प्रेमी की गजल का ये शेर उनके चाहने वालों की जुबान पर हमेशा रहेगा। उनके निधन से शहर से लेकर प्रदेश के साहित्यकार स्तब्ध हैं। शहर की साहित्यिक संस्था काव्यायन की ओर से गीतकार जयराम जय ने बुधवार को एक वर्चुअल श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इसमें नोएडा से भावना तिवारी, बहराइच से डॉ. अशोक गुलशन, मोठ से रामनरेश रमन, लखनऊ से मुनींद्र शुक्ल, गोरखपुर से सरबत जमाल, भोपाल से हरिबल्लभ हरि, मैनपुरी से डॉ. पद्म सिंह पद्म, आगरा से यशोधरा यादव यशो, रायबरेली से जय चक्रवर्ती, लखनऊ से सत्येंद्र तिवारी, वीरेंद्र आस्तिक व शिवचरण चौहान ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।  


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