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आयकर के ब्याज और अर्थदंड से बचने का अंतिम मौका, साल के साथ ही खत्म हो जाएगी विवाद से विश्वास योजना

देयकर राशि से जुड़े विवाद वाले कारोबारी इसमें शामिल हो सकते। अपील अधिकरण अदालतों में मामले लंबित तो भी जुड़ सकते योजना से। आयकर विभाग ने विवादों में फंसे वादों के निपटारे के लिए कारोबारियों उद्यमियों को विवाद से विश्वास योजना का ऑफर दिया था।

By ShaswatgEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 06:33 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 06:33 PM (IST)
आयकर के ब्याज और अर्थदंड से बचने का अंतिम मौका, साल के साथ ही खत्म हो जाएगी विवाद से विश्वास योजना
प्रार्थनापत्र आयकर विभाग की वेबसाइट से वर्ष के अंत तक अपलोड करना होगा।

कानपुर, जेएनएन। आयकर विभाग की विवाद से विश्वास योजना 31 दिसंबर 2020 को खत्म हो जाएगी। कारोबारियों और उद्यमियों के पास योजना में शामिल होने का अंतिम मौका बस एक सप्ताह का है। योजना में शामिल होने पर जो भी टैक्स तय होगा, उसे जमा करने के लिए 31 मार्च 2021 तक का समय मिलेगा। इसमें वे सभी कारोबारी या उद्यमी शामिल हो सकते हैं, जिनके विवाद अपील, अधिकरण, उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय में किसी भी स्तर पर लंबित हैं। योजना में शामिल होने वाले कारोबारियों को निर्धारित टैक्स जमा करने पर ब्याज, अर्थदंड और सजा से भी मुक्ति मिल जाएगी। देय राशि यदि पहले ही जमा कर चुके हैं तो उन्हें रिफंड भी मिलेगा।

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कोरोना महामारी के चलते बढ़ा दी गई थी समयसीमा 

आयकर विभाग ने विवादों में फंसे वादों के निपटारे के लिए कारोबारियों, उद्यमियों को विवाद से विश्वास योजना का ऑफर दिया था। इस योजना के लिए विभाग ने पहले मार्च 2020 तक के लिए समय सीमा तय की थी। कोरोना महामारी के चलते कई बार इसकी तारीख बढ़ाई गई। अब यह योजना 31 दिसंबर 2020 को समाप्त हो रही है। इसमें शामिल होने के लिए प्रार्थनापत्र आयकर विभाग की वेबसाइट से वर्ष के अंत तक अपलोड करना होगा।

इनका ये है कहना 

टैक्स सलाहकार संतोष गुप्ता के मुताबिक निर्धारित टैक्स जमा करने पर ब्याज, अर्थदंड, सजा से भी मुक्ति मिल जाएगी। अगर छापा पड़ा है और विवादित आयकर की मांग पांच करोड़ रुपये से कम है तो उस स्थिति में इस योजना में शामिल हो सकते हैं। अगर न्यायालय ने सजा का निर्णय दे दिया है तो इसमें शामिल नहीं हो सकेंगे। योजना में सभी शर्तों के पूरा होने और निर्धारित राशि जमा होने के बाद करदाता को योजना का लाभ दिए जाने का प्रमाणपत्र भी आयकर देगा। चार्टर्ड अकाउंटेंट दीप कुमार मिश्रा के मुताबिक जिन करदाताओं के मामले आयकर में इस तरह के किसी विवाद में फंसे हैं, उन्हें इस योजना का लाभ जरूर उठाना चाहिए। 


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