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दीपावली पर उत्तराखंड के पहाड़ों पर पनपने वाला ‘लक्ष्मी कमल’ संग ‘विष्णु कमल’ पौधा डिमांड में

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में धार्मिक औषधीय और वास्तु संबंधी महत्व के चलते नर्सरी संचालकों की कमाई का जरिया बने उत्तराखंड के पहाड़ों पर पनपने वाला ‘लक्ष्मी कमल’ और ‘विष्णु कमल’ पौधा दीपावली पर खूब बिक रहे हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 10:49 AM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 10:49 AM (IST)
दीपावली पर उत्तराखंड के पहाड़ों पर पनपने वाला ‘लक्ष्मी कमल’ संग ‘विष्णु कमल’ पौधा डिमांड में
मान्यता है कि घर-आंगन में लक्ष्मी कमल का पौधा लगाना शुभ होता है।

महेश वर्मा, फर्रुखाबाद। उत्तराखंड के पहाड़ों पर पनपने वाले लक्ष्मी कमल और विष्णु कमल नामक पौधों को लोग अब घर आंगन में सजा रहे हैं। इनकी मांग उप्र सहित देश के अन्य हिस्सों में बढ़ी है। दीपावली से पहले नर्सरियों में यह खूब बिक रहे हैं। अपने धार्मिक, औषधीय और वास्तु संबंधी महत्व के चलते नर्सरी संचालकों की कमाई का जरिया बन चुकी है यह जोड़ी। जानने वाले पहले भी इनकी खोज में रहते थे, किंतु बीते कुछ समय से इंटरनेट मीडिया पर प्रचार- प्रसार पाकर अब यह पौधे आम नर्सरियों में भी उपलब्ध हो रहे हैं। कुछ जगहों पर मान्यता है कि इन्हें दीपावली पूजन में रखा जाना चाहिए, जैसा कि इनके नाम से भी स्पष्ट होता है।

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उत्तर प्रदेश की नर्सरियों में इनकी उपस्थिति देखी जा सकती है। यहां गमलों में अंकुरित बीज के रूप में इन्हें सहेजा जाता है और विकसित हो जाने पर बेचा जाता है। नर्सरी वाले इन पौधों से 60 प्रतिशत तक की कमाई कर रहे हैं। फर्रुखाबाद समेत आसपास के जिलों में छोटी- बड़ी नर्सरियों के अलावा बेरोजगार युवा भी बगिया में इनकी पौध तैयार करते हैं। दीपावली तक उन्हें इससे अच्छी कमाई हो जाती है। फर्रुखाबाद जिले की बात करें तो यहां कायमगंज के पपड़ी और बरझाला जैसे गांवों की नर्सरियां इन पौधों की आपूर्ति का केंद्र बन गई हैं। सर्दी शुरू होते ही यहां से आसपास के जिलों में सप्लाई शुरू हो जाती है। लक्ष्मी कमल और विष्णु कमल के अलावा ठंडे पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले अन्य पौधे भी इन नर्सरियों में विभिन्न पद्धतियों से विकसित किए जाते हैं।

नर्सरी कारोबारी उमेश गंगवार के अनुसार, सर्दी के सीजन में यह पौधे खूब बिकते हैं। दीपावली के आसपास भी इनकी बिक्री बढ़ जाती है। इन्हें विकसित करने के लिए इनके लिए अनुकूल वातावरण ग्रीन हाउस इत्यादि उपायों से बनाया जाता है। मान्यता है कि घर-आंगन में लक्ष्मी कमल का पौधा लगाना शुभ होता है। नर्सरी संचालक सुरजीत बताते हैं कि इनके बीज उत्तराखंड से लाकर गमलों में इन्हें तैयार करते हैं। पौध भी लाई जाती है। यहां से राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार इत्यादि की नर्सरियों और विक्रेताओं को सप्लाई करते हैं।

1000 रुपये में मिल रही जोड़ी: नर्सरी कारोबारी सुरजीत ने बताया कि लक्ष्मी कमल और विष्णु कमल की पौध तैयार कर इन्हें 900 रुपये तक में बेचते हैं। इधर, अमेजन और ऐसे अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफार्मके जरिये भी नर्सरियां इन पौधों (एक्वेरिया लोटस) की बिक्री कर रही हैं, जहां 500 रुपये तक में यह उपलब्ध हैं, जबकि जोड़ी 1000 रुपये तक में मिल रही है। कुछ नर्सरियां ऑफर भी दे रही हैं। लक्ष्मी कमल के साथ विष्णु कमल का पौधा फ्री, साथ ही देख-रेख के लिए मार्गदर्शिका भी फ्री दी जा रही है।


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