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बिकरू कांड के बाद गांव में पहली बार पुलिस ने लगाई चौपाल, कहा- अब नहीं बनने देंगे विकास

कानपुर में चर्चित चौबेपुर के बिकरू कांड के बाद पहली बार पुलिस ने गांव में ग्रामीणों के बीच बैठकर चौपाल लगाई। थाना प्रभारी ने कहा लोगों से हर छोटी से छोटी शिकायत की जानकारी मिलने पर पुलिस के पहुंचने की बात कही।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 08:47 AM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 08:47 AM (IST)
बिकरू कांड के बाद गांव में पहली बार पुलिस ने लगाई चौपाल, कहा- अब नहीं बनने देंगे विकास
बिकरू गांव में ग्रामीणों के बीच बैठी पुलिस।

कानपुर, जागरण संवाददाता। चौबेपुर के बिकरू गांव में लोगों से डर निकालने का प्रयास पुलिस ने शुरू किया है। बिकरू कांड के बाद पहली बार पुलिस ने गांव में चौपाल लगाई। अर्से बाद पुलिस गांव में पहुंची और ग्रामीणों के बीच बैठकर बात करती नजर आई। पुलिस ने ग्रामीणों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया और अब किसी के विकास दुबे जैसा न बनने देने की बात कही। थाना प्रभारी ने कहा कि पुलिस हर वक्त ग्रामीणों के साथ खड़ी हैं, वहीं गांव वालों ने भी पुराने जख्म साझा किए।

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बिकरू गांव का नाम सुनते ही विकास दुबे का नाम हर जुबां पर पहले आता है और 2 जुलाई 2020 की घटना की यादें लोगों के जेहन में ताजा हो जाती हैं। गांव में कुख्यात विकास दुबे ने गिरोह के साथ मिलकर दबिश देने आए सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। घटना के बाद पुलिस ने विकास व उसके पांच साथियों को एनकाउंटर में मार गिराया था।

बिकरू कांड के 16 महीने बीत चुके हैं। अब पुलिस गांव वालों के बीच जगह बनाने का प्रयास कर रही है। बीते शुक्रवार को अर्से बाद चौबेपुर थाने की पुलिस गांव के अंदर ग्रामीणों से खुलकर बातें कर रही थी। वहीं बिकरू कांड के बाद पहला मौका था जब बीट सिपाहियों के साथ गांव वालों को एकत्र कर चौपाल लगाई गई। ग्रामीणों से थाना प्रभारी कृष्ण मोहन राय ने कहा कि वह लोग किसी से डरें नहीं। उनकी हर छोटी से छोटी शिकायत पर पुलिस तत्काल पहुंचेगी।

पुराने रिकार्ड से पूछा आपराधिक इतिहास : बिकरू गांव में कुख्यात विकास दुबे ही नहीं बल्कि डेढ़ दर्जन ऐसे नाम हैं जिन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से ज्यादातर लोग बिकरू कांड में वांछित होने के कारण इन दिनों जेल की सलाखों में हैं। पुलिस ने ग्रामीणों से इन नामों के अलावा पुराने रिकार्ड निकालकर आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी ली। कई ऐसे नाम रहे जो रजिस्टर नंबर आठ में दर्ज थे, लेकिन उनकी पहचान ही नहीं हो रही थी। उप निरीक्षक बबिता मिश्रा ने महिलाओं से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा।

जल्द शुरू कराई जाए चौकी : गांव वाले ने कहा कि घटना के बाद अफसरों ने जल्द चौकी शुरू कर पुलिस बल तैनात करने की बात कही थी, लेकिन अभी तक चौकी नहीं बन सकी है। क्षेत्र में 13 गांव ऐसे हैं जो थाने से 21 किमी की दूरी पर हैं। ऐसे में किसी भी घटना के होने पर पुलिस देर से पहुंचती है। पुलिस चौकी बनने के बाद यह दिक्कत भी खत्म होगी।


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