Move to Jagran APP

Bikru Case: शहीद सीओ की बेटी और सिपाही के भाई को मिली नौकरी, इंतजार के बाद शेष आश्रितों ने उठाए सवाल

बिकरू गांव में गैैंगस्टर विकास दुबे को पकडऩे गई पुलिस टीम पर फायरिंग में सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा शिवराजपुर थाना प्रभारी महेश कुमार यादव दारोगा नेबू लाल मंधना चौकी प्रभारी अनूप कुमार सिंह और चार सिपाही बबलू कुमार सुल्तान सिंह राहुल कुमार व जितेंद्र पाल शहीद हो गए थे।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 08:58 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 08:58 PM (IST)
Bikru Case: शहीद सीओ की बेटी और सिपाही के भाई को मिली नौकरी, इंतजार के बाद शेष आश्रितों ने उठाए सवाल
बिकरू कांड की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड में शहीद हुए सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा की बेटी वैष्णवी और सिपाही बबलू कुमार के भाई उमेश को आखिरकार पुलिस की नौकरी मिल गई। वैष्णवी पुलिस कार्यालय में ही विशेष कार्याधिकारी के पद पर तैनात हुई हैं, जबकि उमेश की सिपाही की ट्रेनिंग शुरू हो गई है। बाकी छह शहीदों के आश्रित अब तक नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। दो पीडि़तों ने बेटों की पढ़ाई पूरी होने तक का वक्त मांगा था, लेकिन तीन महिलाएं असमंजस की स्थिति में हैं। कुछ आश्रितों ने चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए।

loksabha election banner

ऐसे समझें पूरा मामला: दो जुलाई 2020 की रात बिकरू गांव में गैैंगस्टर विकास दुबे को पकडऩे गई पुलिस टीम पर फायरिंग में सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा, शिवराजपुर थाना प्रभारी महेश कुमार यादव, दारोगा नेबू लाल, मंधना चौकी प्रभारी अनूप कुमार सिंह और चार सिपाही बबलू कुमार, सुल्तान सिंह, राहुल कुमार व जितेंद्र पाल शहीद हो गए थे। सरकार ने सभी को मुआवजा और नौकरी का वादा किया था। मुआवजा तो मिल चुका है, लेकिन अभी तक केवल सीओ की बेटी वैष्णवी और बबलू के भाई उमेश को नौकरी मिल पाई है। शहीद दारोगा नेबूलाल की पत्नी और महेश यादव की पत्नी ने अपने बेटों की पढ़ाई पूरी होने तक का वक्त मांगा था। दारोगा अनूप की पत्नी नीतू ने दो बार दौड़ परीक्षा में हिस्सा लिया, लेकिन सफलता नहीं मिली है। सिपाही राहुल की पत्नी दिव्या दौड़ परीक्षा पास कर चुकी हैं, लेकिन उनकी लिखित परीक्षा अभी नहीं हुई है। सितंबर में होने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं, सिपाही सुल्तान की पत्नी उर्मिला का आवेदन देर से पहुंचने के कारण अब तक  चयन प्रक्रिया शुरू ही नहीं हुई।

बातचीत में ये भी बात आई सामने: एक सिपाही की पत्नी ने बताया कि सरकार ने सीधे नौकरी देने की बात कही थी, लेकिन अब उन्हेंं चयन की सभी परीक्षाओं से गुजरना पड़ रहा है। शैक्षिक योग्यता के बावजूद उन्हेंं विशेष कार्याधिकारी का पद नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर सीओ की बेटी को बिना परीक्षा के नौकरी कैसे मिल गई। एक अन्य महिला ने पक्षपात का भी आरोप लगाया। कहा कि उनकी पारिवारिक स्थिति देखने के बाद भी कोई रियायत नहीं दी जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.