Vikas Dubey News: विकास दुबे की तलाश में यूपी पुलिस ने एमपी और राजस्थान पुलिस से साधा संपर्क
एडीजी जोन जयनारायण सिंह ने कहा मध्य प्रदेश और राजस्थान पुलिस के साथ लगातार संपर्क में यूपी पुलिस बनी हुई है।
कानपुर, जेएनएन। सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की सामूहिक हत्या का मुख्य आरोपित विकास दुबे 72 घंटे के बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर है। वो भी तब, जब उसकी गिरफ्तारी के लिए 900 पुलिस वालों की 60 टीमों को लगाया गया है। उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी विकास की तलाश हो रही है। विकास दुबे गुरुवार रात पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद से फरार है।
आइजी मोहित अग्रवाल के मुताबिक शनिवार रात कल्याणपुर में दबोचे गए बदमाश विकास के विश्वासपात्र दयाशंकर अग्निहोत्री उर्फ कल्लू ने बताया है कि विकास हमले के दौरान मौजूद था। उसकी तलाश में मंडल स्तर पर 40 टीमों को लगाया गया है। पुलिस मुख्यालय स्तर से भी 20 टीमों को लगाया गया है। इसमें एसटीएफ की भी आधा दर्जन टीमेंं शामिल हैं। पूरे सर्च अभियान में करीब 900 पुलिस वाले प्रदेश और प्रदेश से बाहर उसकी तलाश कर रहे हैं।
विकास की तलाश में पुलिस अब तक कहां तक पहुंची है, इस सवाल के जवाब में एडीजी जय नारायन ङ्क्षसह ने बताया कि अब तक उपलब्ध इनपुट के आधार मध्य प्रदेश और राजस्थान पुलिस के साथ संपर्क साधा गया है। वहां के अधिकारी लगातार यूपी पुलिस के संपर्क में हैं। उसके नेपाल भाग जाने की आशंका पर एडीजी ने कहा कि गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए उसकी प्राप्त ट्रैवल हिस्ट्री पर कोई बात नहीं की जा सकती है। केवल इतना कहना है कि जल्द ही वह कानून के शिकंजे में होगा।
एडीजी ने खंगाली संतोष शुक्ला व सिद्धेश्वर हत्याकांड की फाइल
पुलिस ने अपराधी विकास दुबे की पुरानी फाइलें भी खंगालनी शुरू कर दी है। विकास दुबे ने 12 अक्टूबर 2001 को शिवली कोतवाली के भीतर तत्कालीन दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मुकदमे में आरोपितों को कोर्ट ने बरी कर दिया था। रविवार शाम शिवली थाने में पहुंचे एडीजी जोन जयनारायन सिंह ने इस केस की फाइल मंगाकर देखा। कहा कि इसमें किस स्तर पर पैरवी, साक्ष्य व अन्य चीजों में चूक हुई है, इसकी जानकारी की जाएगी।
14 नवंबर 2000 को जमीनी विवाद के चलते विकास ने ताराचंद इंटर कालेज शिवली के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की गोली मारकर हत्या की थी। इसमें उसे, भाई दीपू व बहनोई दिनेश तिवारी को आजीवन कारावास की सजा मिली थी लेकिन, हाईकोर्ट से पैरोल पर विकास बाहर है। इस हत्याकांड की फाइल भी एडीजी ने विस्तार से खंगाली। एसपी अनुराग वत्स से कहा कि शिवली में विकास दुबे के परिचित काफी होंगे, सभी की तलाश की जाए, सबसे पूछताछ हो।
एडीजी ने विकास के बहनोई से की पूछताछ
एडीजी जोन ने विकास के बहनोई दिनेश तिवारी से बंद कमरे में पूछताछ की। उससे विकास के छिपने के ठिकानों व मददगार परिचितों के बारे में सवाल किए। दिनेश तिवारी शिवली में ही रहता है और उस पर भी कई मुकदमे दर्ज हैं।