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Bikru Case Update: विपुल ने मेलों में खिलौने बेचकर काटी फरारी, आइटीबीपी में चयन होने पर जाना था ट्रेनिंग पर

कानपुर में बिकरू कांड के बाद फरार अंतिम आरोपित को एसटीएफ तलाशत करती रही और सजेती थाना चौकी के दारोगा ने उसे पकड़ लिया। छह माह तक उसकी गिरफ्तारी न होने से आइजी ने उसपर इनाम राशि 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी थी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 09:47 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 09:47 AM (IST)
Bikru Case Update: विपुल ने मेलों में खिलौने बेचकर काटी फरारी, आइटीबीपी में चयन होने पर जाना था ट्रेनिंग पर
बिकरू कांड में आरोपित वितुल उर्फ विपुल दुबे।

कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड के फरार चल रहे अंतिम आरोपित विपुल दुबे उर्फ वितुल दुबे की गिरफ्तारी शासन व प्रदेश पुलिस की नाक का सवाल बनी थी। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) विपुल के दो मामा को हिरासत में लेकर प्रदेश के विभिन्न जिलों में उसकी तलाश में छापेमारी कर रही थी, लेकिन एसटीएफ पर सजेती थाना के कुआंखेड़ा चौकी इंचार्ज रवि दीक्षित की सटीक मुखबिर भारी पड़ी और 50 हजार के इनामी विपुल पकड़ा गया। एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि इनाम की राशि विपुल को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को दी जाएगी।

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40 किमी दौड़कर पहुंचा था औरैया

पूछताछ में विपुल ने पुलिस को बताया कि वर्षों से वह मां व बहन के साथ गांव बैरी स्थित ननिहाल में रहकर पढ़ाई करता था। चचेरे भाई अमर दुबे की शादी में वह बिकरू गया था। दो जुलाई को गोलीबारी के बाद वह खेतों से 40 किमी दौड़ते हुए औरैया पहुंचा था। उस समय उसके पास साढ़े पांच हजार रुपये थे। दिल्ली, अलीगढ़, हाथरस, बुलंदशहर समेत कई जिलों के गांवों में लगने वाले मेलों व बाजारों में खिलौने व गुब्बारे बेचते हुए फरारी के छह महीने काटे। फीरोजाबाद में चूड़ी के कारखाने में काम किया।

साइंस ग्रेजुएट विपुल दुबे मोबाइल नही रखता था, जिसके चलते पुलिस उसकी लोकेशन नही ट्रेस कर पाई। अपने खिलाफ खबरें वह अखबारों में पढ़ता रहता था। फरारी के दौरान पास में आधार कार्ड न होने के चलते उसे रहने के लिए कमरा भी नही मिल सका। उसने पूरी फरारी रेलवे व बस स्टेशन में सोकर गुजारी।

आइटीबीपी में हुआ था चयन

विपुल पढऩे में मेधावी था। 2019 की राजकीय पालीटेक्निक परीक्षा में पूरे प्रदेश में उसने 204वीं रैंक हासिल की थी। कानपुर पालीटेक्निक में प्रवेश लेने के बाद उसका एसएससी (जीडी) की लिखित परीक्षा व शारीरिक परीक्षण के बाद आइटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) में सिपाही के पद पर चयन हो गया था। विपुल ने बताया कि ट्रेनिंग के लिए उसे जून 2020 में रवाना होना था, लेकिन कोरोना के चलते उसके बैच की ट्रेनिंग रोक दी गई थी। अब 20 जनवरी को उसका बैच ट्रेनिंग के लिए जा रहा है। लेकिन, बिकरू कांड में फंसने के चलते वर्दी का सपना अधूरा रह गया।

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