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Vikas Dubey Kanpur : बिकरू कांड की जांच अब कमिश्नरेट के हवाले, संयुक्त पुलिस आयुक्त करेंगे आगे का पर्यवेक्षण

कानपुर में बिकरू कांड में शासन के निर्देश पर अब पुलिस कमिश्नरेट आगे की जांच करेगी इसके लिए संयुक्त पुलिस आयुक्त को जिम्मेदारी दी गई है। घटनाक्रम और विकास दुबे से संबंधित सभी दस्तावेज कमिश्नरेट पुलिस को सौंपे जाएंगे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 19 Nov 2022 11:57 AM (IST)Updated: Sat, 19 Nov 2022 11:57 AM (IST)
Vikas Dubey Kanpur : बिकरू कांड की जांच अब कमिश्नरेट के हवाले, संयुक्त पुलिस आयुक्त करेंगे आगे का पर्यवेक्षण
कानपुर कमिश्नरेट पुलिस के हवाले बिकरू कांड की जांच।

कानपुर, जागरण संवाददाता। देश भर में चर्चित रहे बिकरू कांड की जांच अब कमिश्नरेट पुलिस करेगी। अब तक इस केस की जांच एडीजी जोन कानपुर भानु भास्कर कर रहे थे। कमिश्नरेट की नई संरचना के बाद शासन के निर्देश पर अब बिकरू कांड से जुड़ी जांच कमिश्नरेट के संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी करेंगे।

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क्या है मामला

दो जुलाई 2020 की रात गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर विकास व उसके गुर्गों ने हमला बोल दिया था। गोलीबारी में तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी बलिदान हो गए थे। इसमें तत्कालीन थानाध्यक्ष चौबेपुर की ओर से थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसमें पुलिस ने 52 आरोपित बनाए। विकास दुबे समेत छह आरोपित मुठभेड़ में मार गिराए गए, जबकि बाकी बचे 46 को जेल भेजा गया। इसके अलावा नौ आरोपितों को पुलिस ने विकास दुबे के हथियार खरीदने के आरोप में पकड़ा था। विकास दुबे के एनकाउंटर के काफी समय बाद उसके हथियारों को भिंड के एक सपा नेता की मदद से बेचने की कोशिश हो रही थी। एसटीएफ ने पनकी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।

एसआइटी ने भी की थी जांच

बिकरू कांड की एसआइटी यानी विशेष जांच दल द्वारा की गई जांच में 22 लोगों को दूसरे के नामों से मोबाइल सिम प्रयोग करने की बात सामने आई थी। पुलिस ने इन मामलों में भी विभिन्न थानों में मुकदमे दर्ज कराए थे। बिकरू कांड से जुड़े जो भी आरोपित पकड़े गए, उनमें कई के पास से पुलिस ने हथियार भी बरामद किए थे और उनमें भी मुकदमे हुए थे। इन सभी मामलों की जांच अब तक एडीजी जोन कानपुर भानु भास्कर कर रहे थे। जोन कार्यालय में बाकायदा बिकरू सेल बनी हुई थी। कमिश्नरेट के गठन के बाद भी जांच उनके ही पास थी क्योंकि घटना चौबेपुर थानाक्षेत्र की थी और चौबेपुर कानपुर आउटर का हिस्सा था।

कमिश्नरेट में आउटर के विलय के बाद जांच ट्रांसफर

कमिश्नरेट और आउटर के विलय के बाद अब बिकरू कांड की जांच कमिश्नरेट को मिल गई है। एडीजी जोन ने बताया कि शासन के निर्देश पर बिकरू कांड की जांच कमिश्नरेट को दे दी गई है। जल्द ही इस केस से संबंधित सभी दस्तावेज भी उन्हें सौंप दिए जाएंगे। पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड ने बताया कि बिकरू कांड का पर्यवेक्षण अधिकारी संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी को बनाया गया है। वह बिकरू कांड से जुड़े अन्य जनपदों से संबंधित मामलों का भी पर्यवेक्षण करेंगे।


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