Vikas Dubey Kanpur News: जान छिड़कते थे हमारे लड़के, मेरे लिए कुछ भी करने को तैयार रहते थे
Kanpur Vikas Dubey News उज्जैन से कानपुर लाते समय विकास दुबे ने एसटीएफ को बताया दो जुलाई की रात एक इशारे पर दर्जनों लोग आ गए थे।
कानपुर, [चंद्र प्रकाश गुप्ता]। गांव के युवक मुझे चाचा कहते हैैं, वह मुझ पर जान छिड़कते हैं और मेरे लिए कुछ भी कर गुजरें। दो जुलाई को जब उन्हें पुलिस के बिकरू आने की बात पता लगी तो वह खुद आ गए और बोले, बताओ चाचा क्या करना है? इसके बाद कई ने हथियार उठा लिए और छतों पर खड़े होकर मोर्चा संभाल लिया। यह बातें विकास दुबे ने उज्जैन से कानपुर आते समय रास्ते में एसटीएफ को बताई थीं। उसने बताया था कि पुलिस टीम पर गोली चलाने वाले ज्यादातर 18 से 30 वर्ष के नौजवान थे। पहले भी कई घटनाओं में वह विकास का साथ दे चुके थे।
एसटीएफ सूत्रों के अनुसार, पुलिस टीम पर हमले के लिए विकास ने बिकरू और आसपास के गांवों से भी लाइसेंसी रायफल, पिस्टल और हथियार मंगवाए थे। कुछ लोग असलहा लेकर खुद आए थे, जबकि कुछ ने अपने हथियार भेज दिए थे। सभी लाइसेंस उसी ने बनवाए थे। अब पुलिस ने 42 शस्त्र लाइसेंसधारी चिह्नित किए हैं। सभी की तलाश के साथ लाइसेंस निरस्त कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक विकास दुबे ने बताया था कि दो जुलाई की रात पुलिस फोर्स गांव पहुंचने से पहले कई युवक उसके पास पहुंचे और उन्होंने हमले में पूरा साथ दिया। उन्हें शायद पता लग गया था कि पुलिस आकर विकास को पकडऩे वाली है। तभी वह एकजुट हो गए। विकास ने कुछ युवकों के नाम भी बताए हैैं, साथ ही कहा कि जिन युवकों ने गोलीबारी की, उनमें कई के खिलाफ एक भी मुकदमा नहीं है। वह केवल विभिन्न अवसरों पर उसके साथ रहते थे। हालांकि उसने स्वीकार किया कि परिवार व गांव के कुछ युवक उसके साथ रहकर अपराधी बने। वह गांव के युवकों को दबंगई सिखाता था। पढ़े-लिखे बेरोजगार युवकों की नौकरी लगवाता था, इसी वजह से युवा वर्ग उसके साथ खड़ा था।